हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय ध्यान रखने वाली महत्वपूर्ण बाते (health insurance kyo jaruri hai)
health insurance kyo jaruri hai- health insurance किसी भी policy holder को कोई बीमारी या गंभीर बीमारी के इलाज में होने वाले medical expenses का बोझ उठाता है। आपकी पॉलिसी का Insurance Provider हॉस्पिटल में admit होने, दवाओं, डॉक्टर की फीस और किसी भी लैब या डायग्नोस्टिक टेस्ट आदि से related medical bills का भुगतान करता है। 70% लोग health insurance अपनी Health के लिए लेते हैं। ICICI लोंबार्ड के इस सर्वे में कहा गया है कि ज्यादातर लोग हेल्थ इंश्योरेंस Treatment पर होने वाले खर्चों मतलब कैशलेस क्लेम के लिए लेते हैं। उनका Motive टैक्स बचाना नहीं होता है। (health insurance kyo jaruri hai)
1 जनवरी 2024 से हर पॉलिसी होल्डर को पॉलिसी खरीदते वक्त CIS यानी कस्टमर इंफॉर्मेशन शीट देनी अनिवार्य कर दी गई है। आपको इसे इंश्योरेंस कंपनी से मांगना होगा। फोर्ब्स के अनुसार, भारत में लगभग 51 करोड़ आबादी के पास Health Insurance Schemes हैं, जो देश की कुल आबादी का 37% ही हैं। वहीं, नीति आयोग ने low cost वाले स्वास्थ्य बीमा की जरूरत का सुझाव देते हुए कहा है कि भारत की लगभग 30% या 42 करोड़ population किसी भी स्वास्थ्य बीमा से वंचित है। last एक साल में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम 10 से 25% तक बढ़ चुका है। हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम और बढ़ता ही जाएगा। (health insurance kyo jaruri hai)
हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते वक्त CIS लेना न भूलें,(health insurance kyo jaruri hai)
- पॉलिसी का नाम
- पॉलिसी की सीमाएं
- किस तरह की पॉलिसी है
- बीमा कवरेज की जानकारी
- क्लेम लेने के लिए वेटिंग पीरियड
- फ्री लुक पीरियड की जानकारी
- पोर्टेबिलिटी
- माइग्रेशन
- लॉकिंग पीरियड या मोरेटोरियम पीरियड
- शिकायतों के लिए वेब लिंक्स
- हर तरह की छूट
- CLAIM
- क्लेम लेने के तरीके
- बीमा कंपनियों के फोन नंबर्स की जानकारी
हेल्थ इंश्योरेंस हाेना कितना जरूरी होता हैं ? (health insurance kyo jaruri hai)
कोई भी health insurance policy आपको मानसिक शांति देती है। यह इंश्योरेंस hospital में admit होने के खर्चों को कवर करता है, जिससे किसी भी इंसान का पैसे की तरफ ध्यान न होकर Treatment पर ध्यान केंद्रित होता है।
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के नेटवर्क में कई hospital होते हैं, जिनमें कोई भी कैशलेस सुविधा का लाभ उठा सकता है। अगर कोई patient hospital जाने में असमर्थ है तो घरेलू इलाज का पेमेंट इंश्योरेंस कंपनी करेगी। इसके अलावा नो क्लेम बोनस जैसी छूट का फायदा मिलता है। (health insurance kyo jaruri hai)
इससे पॉलिसी को रिन्यू करते समय प्रीमियम घटाने में मदद मिलती है। आयुष ट्रीटमेंट सरकार द्वारा approved hospital में इलाज हो सकता है।
इंश्योरटेक कंपनी प्लम की ‘कॉर्पोरेट इंडिया की स्वास्थ्य रिपोर्ट 2023’ के अनुसार, बढ़ते medical expenses की वजह से 9 करोड़ से ज्यादा भारतीयों की जिंदगी पर असर पड़ा है। उनकी कमाई का लगभग 10% हिस्सा बीमारियाें के इलाज पर ही खर्च हो जाता है। (health insurance kyo jaruri hai)
इंश्योरेंस क्लेम सबसे ज्यादा इन बीमारियों के होते हैं – (health insurance kyo jaruri hai)
- सांस से जुड़ी बीमारियां
- पाचन संबंधी बीमारियां
- संक्रामक बीमारियां
- यूरिन संबंधी रोग
- आंखों से जुड़े रोग
सिगरेट पीना कैसे छोड़े ? (Cigarette Pina Kaise Chhode)
ओपीडी कवरेज भी शामिल कराना चाहिए –
ओपीडी कवरेज को भी आप health insurance में जुड़वा सकते हैं। यह hospital में admit होने से पहले के इलाज के खर्चों को कवर करती है। अगर आप खांसी या फिर माइग्रेन जैसी बीमारी के इलाज के लिए ओपीडी में इलाज करवाते हैं तो इस Treatment के भी खर्चों को ओपीडी कवरेज में कवर किया जाता है। (health insurance kyo jaruri hai)
क्या होता है वेटिंग पीरियड?
हेल्थ बीमा में वेटिंग पीरियड वह Duration है जिसके लिए आपको insurance benefits receive करने से पहले इंतजार करना पड़ता है। वेटिंग पीरियड, पॉलिसी शुरू होने की date से शुरू होती है, और बीमाधारक इस दौरान health insurance benefits का दावा नहीं कर सकता है। वेटिंग पीरियड की Duration हर बीमा कंपनी की अलग-अलग होती है।
पहले की बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड
हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से पहले आपसे यह पूछा जाता है कि आपको पहले से कौन सी बीमारी है। इसके लिए मेडिकल टेस्ट भी कराए जाते हैं। यहां पहले से मौजूद या पहले की बीमारियों का मतलब यह है कि जो पॉलिसी खरीदने से 48 महीने पहले आपको कोनसी बीमारी हुई है। इन बीमारियों में हाई बीपी, मधुमेह, थाइराॅयड आदि शामिल हैं।
इनीशियल वेटिंग पीरियड
इसे ‘cooling period’ भी कहा जाता है। हेल्थ इंश्योरेंस में Initial waiting period बीमा लेने की date के बाद से शुरू होती है। इस Duration के दौरान आप योजनाबद्ध या आपातकालीन स्थिति (planned or emergency situation) में hospital में admit होने के लिए बीमाकर्ता (insurer) से क्लेम प्राप्त नहीं कर सकते हैं। न्यूनतम वेटिंग पीरियड 10 दिनों का होता है।
हेल्थ इंश्योरेंस से टैक्स में छूट भी मिलती है
टैक्स बेनिफिट्स हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम इनकम टैक्स एक्ट (Tax Benefits Health Insurance Premium Income Tax Act) 1961 की धारा-80D के तहत टैक्स से छूट मिलती है। यदि पॉलिसी होल्डर की उम्र 60 वर्ष से कम है, तो उसे हर साल इनकम टैक्स में 25 हजार रुपए तक का Discount मिल सकता है। यदि आपकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है तो यह Benefit 50 हजार रुपए तक बढ़ जाता है। (health insurance kyo jaruri hai)
गूगल ने लॉन्च किया Google Gemini (How to use Google Gemini in Hindi)
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय ध्यान रखने वाली महत्वपूर्ण बाते – (health insurance kyo jaruri hai)
आज के इस समय में बहुत सारी हेल्थ इंश्योरेंस कम्पनियाँ है। ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी चुनने के लिए इन बातों को हमें ध्यान में रखना चाहिए- (health insurance kyo jaruri hai)
- अपनी हेल्थकेयर जरूरतों का आकलन (estimate) करें।
- अपनी उम्र, परिवार, मौजूदा स्वास्थ्य स्थितियों और भविष्य में इलाज जैसे फैक्टर्स पर विचार करना चाहिए।
- ऐसी इंश्योरेंस कंपनियों को देखें, जिनका मजबूत फाइनेंशियल ट्रैक रिकॉर्ड हो।
- जो कंपनी इंश्योरेंस दे रही है, उसका क्लेम सेटलमेंट अच्छा होना चाहिए।
- इंश्योरेंस कंपनी का hospitals और हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ अच्छा नेटवर्क भी होना चाहिए।
स्मार्ट तरीके जो आपके हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम कम कर सकते हैं – (health insurance kyo jaruri hai)
- हेल्थ इंश्योरेंस में टॉप-अप कवर लेना चाहिए।
- नो-क्लेम बोनस का फायदा उठाना चाहिए।
- सस्ते प्रीमियम वाले हेल्थ इंश्योरेंस में पॉलिसी पोर्ट कराएं।
- फैमिली फ्लोटर प्लान लेना चाहिए।
- जरूरत के अनुसार ही बीमा कवर खरीदें।
10 सेकंड में लैपटॉप की speed improve करे (How to Improve Laptop Speed in Hindi)
आइये जानते है की आपके लिए बेस्ट हेल्थ इंश्योरेंस कौन सा होगा- (health insurance kyo jaruri hai)
इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस: यह किसी व्यक्ति के मेडिकल खर्चे को कवर करता है।
फैमिली फ्लोटर हेल्थ इंश्योरेंस: यह एक ही पॉलिसी के under पूरे परिवार को कवर करता है।
ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस: employees या organizations द्वारा उनके कर्मचारियों के लिए Present किया जाता है।
वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा: 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए लागु किया गया है।
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस: विशिष्ट गंभीर बीमारियों के Treatment पर एकमुश्त पेमेंट (lump sum payment) की सुविधा देता है।
मैटरनिटी कवरेज: Maternity से संबंधित खर्चों के लिए कवरेज provide करता है।