कहानियों का जादू और हंसी-भावनाओं का शानदार मेल!”Bhool Chuk Maaf” Movie का Full Review.

Bhool Chuk Maaf की रिलीज़ डेट दो बार बदली गई, लेकिन अब ये फिल्म आज यानी 23 मई 2025 को थिएटर्स में आ चुकी है। राजकुमार राव और वामीका गब्बी इसमें मुख्य किरदार निभा रहे हैं। रिव्यू जानने के लिए नीचे पढ़ें।
बनारस की सादगी और ताज़ा केमिस्ट्री के साथ एक दिल छू जाने वाली फिल्म (Bhool Chuk Maaf)
करण शर्मा की फिल्म ‘Bhool Chuk Maaf’ एक दिल छू लेने वाली, हल्की-फुल्की कहानी है जो हर उम्र के दर्शकों को भाएगी। बनारस की रंगीन गलियों और सादगी से भरपूर यह फिल्म हंसी और भावनाओं का खूबसूरत मेल पेश करती है। राजकुमार राव और वामीका गब्बी की ताज़ा केमिस्ट्री भी काबिले तारीफ है। दो बार टलने के बाद, यह फिल्म आज थिएटर्स में रिलीज़ हुई है।

जानिए मूवी की स्टोरी(Bhool Chuk Maaf)
फिल्म की कहानी एक छोटे शहर के लड़के रंजन (राजकुमार राव) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो प्यार, उलझनों और बड़े सपनों के बीच रास्ता तलाश रहा है। उसकी और तितली (वामीका गब्बी) की केमिस्ट्री बेहद प्यारी है, लेकिन असली मज़ा तो उनके घरवालों की नोकझोंक में है। कभी मम्मी-पापा की लड़ाई, तो कभी शादी की टेंशन – ये सब कुछ फिल्म में बहुत ही हल्के-फुल्के और मज़ेदार अंदाज़ में दिखाया गया है, बिना ज़्यादा ड्रामा के।
‘Bhool Chuk Maaf’ एक रोमांटिक कॉमेडी है, जिसकी पृष्ठभूमि बनारस जैसे छोटे शहर पर आधारित है। कहानी रंजन और तितली की है, जो शादी करना चाहते हैं। लेकिन तितली के पापा एक शर्त रखते हैं – रंजन को दो महीने के अंदर सरकारी नौकरी पानी होगी। रंजन ये चुनौती स्वीकार करता है और नौकरी भी पा लेता है। शादी की तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं, लेकिन तभी कुछ अजीब होता है – रंजन एक टाइम लूप में फंस जाता है, जहाँ हर दिन वही हल्दी की रस्म वाला दिन दोहराया जाता है।
हर बार वही दिन जीते-जीते रंजन को अपनी गलतियों का एहसास होता है और वो खुद को सुधारने की कोशिश करता है। अब सवाल ये है – क्या रंजन इस टाइम लूप से बाहर निकल पाएगा और तितली से शादी कर पाएगा? इसका जवाब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
साफ-सुथरी कॉमेडी, दिल छूते पल और दमदार कहानी से सजी है (Bhool Chuk Maaf)
इस फिल्म की सबसे खूबसूरत बात है इसकी साफ-सुथरी कॉमेडी और इमोशनल पल। फिल्म में हल्का सा फैंटेसी का तड़का है, लेकिन वो भी बहुत नेचुरल लगता है – ज़बरदस्ती नहीं। हंसी भी बिलकुल स्वाभाविक है, कहीं भी जबरदस्ती हंसाने की कोशिश नहीं की गई है। कहानी को सही दिशा में पेश किया गया है और इसका पूरा क्रेडिट डायरेक्टर को जाता है।
गानों की बात करें तो वो भी फिल्म में बिलकुल सही जगह पर आते हैं और कहानी के साथ अच्छे से जुड़ते हैं। सबसे अच्छी बात ये है कि फिल्म कहीं भी बोर नहीं करती। करीब 121 मिनट की ये फिल्म एक पल के लिए भी खिंची हुई नहीं लगती।
हर किरदार को सोच-समझकर चुना गया है और कई अनुभवी कलाकारों ने अपनी एक्टिंग से कहानी में जान डाल दी है। एडिटिंग और सिनेमैटोग्राफी भी बहुत बढ़िया तरीके से की गई है, जिससे फिल्म देखने में और भी मज़ा आता है।
कहानी और संगीत का खूबसूरत संगम जो दिल को छू जाता है” ((Bhool Chuk Maaf))
इस फिल्म की जान है इसकी कहानी और म्यूज़िक। करण शर्मा की लिखी स्क्रिप्ट में हंसी, सामाजिक सच्चाई और पारिवारिक रिश्तों को इतने अच्छे संतुलन के साथ पिरोया गया है कि सब कुछ बिल्कुल असली सा लगता है। डायलॉग्स भी बहुत अपने से लगते हैं और दिल को छू जाते हैं।
फिल्म में ये भी दिखाया गया है कि हमारे समाज में सरकारी नौकरी को लेकर कितना दबाव होता है। हर किरदार को उसकी जगह दी गई है और उनकी छोटी-छोटी कहानियाँ भी दिल से जुड़ती हैं।
अगर म्यूज़िक की बात करें तो ‘टिंग लिंग सजना’ और ‘चोर बाज़ारी’ जैसे गाने सिर्फ गाने नहीं, बल्कि कहानी का हिस्सा बन जाते हैं और इमोशंस को और गहराई देते हैं।
“राजकुमार राव की अदाकारी का जलवा, कॉमेडी और इमोशन में बेमिसाल प्रदर्शन (Bhool Chuk Maaf)
राजकुमार राव ने फिर से साबित कर दिया है कि कॉमेडी और इमोशन दोनों में उनका कोई मुकाबला नहीं है। रंजन के किरदार में उनकी अदाकारी बहुत असरदार है, खासकर उनका इमोशनल टाइमिंग कमाल का है। वो कई बार कॉमिक रोल कर चुके हैं, लेकिन इस बार कहानी में एक नई ताजगी नजर आती है। वहीं, वामीका गब्बी ने तितली के रोल में अपनी नेचुरल अदा दिखाई है। यह उनका पहला कॉमिक रोल है, लेकिन उन्होंने बिल्कुल भी शुरुआती जैसी दिखती नहीं हैं। दोनों की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री भी जबरदस्त है, जिसे देखना आपको खूब पसंद आएगा।
संजय मिश्रा का भगवान भाई का किरदार कहानी को एक खास स्वाद देता है। उनका रोल मज़ेदार होने के साथ-साथ सोचने पर भी मजबूर करता है। इसके अलावा, सीनियर एक्टर्स संजय मिश्रा, सीमा पाहवा और रघुबीर यादव अपनी अदाकारी से फिल्म में जान डाल देते हैं। इन्हें फिल्म में देखना सच में एक मज़ेदार अनुभव है।
फिल्म देखने का फैसला (Bhool Chuk Maaf)
अगर इस गर्मी में परिवार के साथ एक हल्की-फुल्की और दिल को छू लेने वाली फिल्म देखनी हो, तो ये फिल्म एकदम सही विकल्प है। दिग्गज प्रोड्यूसर दिनेश विजान की प्रोडक्शन में बनी यह फिल्म शारदा कार्की जलोटा के साथ मिलकर बनाई गई है, और करण शर्मा ने इसे लिखा और डायरेक्ट किया है। यह ऐसी फिल्म है जो बिना शोर किए सीधे दिल तक पहुंच जाती है। सिर्फ देखने लायक ही नहीं, यह फिल्म थिएटर के बाहर भी आपके साथ कुछ खास यादें छोड़ जाती है। (Bhool Chuk Maaf)
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