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कैंसर के लिए अच्छी खबर – एक्सरसाइज से बढ़ती है जीने की उम्मीद ! (Cancer se bachne ke upaye)

कैंसर के लिए अच्छी खबर – एक्सरसाइज से बढ़ती है जीने की उम्मीद ! (Cancer se bachne ke upaye)
  • PublishedJune 5, 2025

(Cancer se bachne ke upaye) भारत में कैंसर एक गंभीर और तेजी से बढ़ती हुई सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है। यह न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था के लिए भी एक गहरी चुनौती है। पिछले कुछ वर्षों में कैंसर के मामलों में बेतहाशा वृद्धि देखी गई है, जिसका मुख्य कारण बदलती जीवनशैली, असंतुलित और पैकेज्ड खान-पान, तंबाकू और शराब का अत्यधिक सेवन, बढ़ता तनाव, शारीरिक गतिविधियों की कमी, और तेजी से बिगड़ता पर्यावरण है।

कैंसर एक ऐसा नाम है, जिसे सुनते ही दिल डर जाता है। लेकिन अब एक नई रिसर्च ने उम्मीद की एक नई किरण जगाई है। इस स्टडी के अनुसार, नियमित व्यायाम (Exercise) करने से कैंसर से जूझ रहे मरीजों की जिंदगी लंबी हो सकती है और उनका इलाज भी ज़्यादा असरदार हो सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 14 लाख नए कैंसर रोगी सामने आते हैं। चिंताजनक बात यह है कि इन रोगियों में से एक बड़ी संख्या को समय पर जांच और उपचार नहीं मिल पाता, जिससे मृत्यु दर काफी बढ़ जाती है। अनुमान है कि हर 8 में से 1 भारतीय व्यक्ति के जीवनकाल में कभी न कभी कैंसर होने का खतरा होता है।

इस परिप्रेक्ष्य में, कैंसर को लेकर जागरूकता फैलाना, इसके शुरुआती लक्षणों की जानकारी देना, समय पर स्क्रीनिंग की सुविधा सुनिश्चित करना और सरकारी योजनाओं के प्रति आम लोगों को सजग बनाना अब केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि एक ज़रूरत बन चुकी है। जितनी जल्दी समाज और सरकार मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएँगे, उतनी ही अधिक जानें बचाई जा सकेंगी और भविष्य की पीढ़ियों को इस खतरनाक बीमारी से बेहतर सुरक्षा मिल सकेगी।

एक्सरसाइज कैसे मदद करती है? (Cancer se bachne ke upaye)

कैंसर से लड़ना सिर्फ दवाओं और इलाज का ही काम नहीं है, बल्कि शरीर और मन दोनों को मजबूत रखना भी उतना ही ज़रूरी है। नियमित रूप से हल्का-फुल्का व्यायाम करने से शरीर में कई सकारात्मक बदलाव होते हैं जो कैंसर के इलाज को ज्यादा असरदार और सहनीय बनाते हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि कसरत कैसे मदद करती है:

 1. रोग प्रतिरोधक शक्ति (Immunity) बढ़ती है

कसरत करने से शरीर की इम्यून सिस्टम सक्रिय हो जाती है, जिससे कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ शरीर खुद भी लड़ने लगता है। जब शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली मज़बूत होती है, तो संक्रमण का खतरा भी कम हो जाता है — जो कि कीमोथेरेपी या रेडिएशन के दौरान बहुत आम है।

 2. ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है

व्यायाम से शरीर का रक्त संचार (blood circulation) बेहतर होता है। इससे इलाज में दी जा रही दवाइयाँ और ऑक्सीजन शरीर के हर हिस्से में अच्छी तरह से पहुँचती हैं, खासकर उन हिस्सों में जहाँ कैंसर मौजूद है। यह कोशिकाओं की पुनरुद्धार प्रक्रिया (healing process) को तेज़ करता है।

 3. तनाव और चिंता में राहत मिलती है

कैंसर के मरीजों में अक्सर तनाव, डर, और अवसाद (depression) जैसी मानसिक समस्याएँ पाई जाती हैं। कसरत करने से दिमाग में एंडोर्फिन और सेरोटोनिन जैसे “feel-good” हार्मोन बनते हैं, जो मूड को बेहतर बनाते हैं और मानसिक संतुलन बनाए रखते हैं।
इससे मनोबल (willpower) बढ़ता है और मरीज इलाज के प्रति सकारात्मक रहता है।

 4. थकान और नींद की कमी में सुधार

कीमोथेरेपी और रेडिएशन जैसी उपचार प्रक्रियाओं के दौरान कई मरीजों को Extreme Fatigue (अत्यधिक थकावट) और अनिद्रा की शिकायत होती है। नियमित हल्की कसरत से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और नींद की गुणवत्ता में सुधार आता है।
मरीज को गहरी और संतुलित नींद मिलती है, जो शरीर के पुनर्निर्माण के लिए ज़रूरी है।

5. वज़न और मेटाबॉलिज़्म नियंत्रित रहता है

कैंसर के इलाज से शरीर का वजन कभी बहुत कम तो कभी बहुत ज्यादा हो सकता है। व्यायाम से मेटाबॉलिज़्म (Metabolism) संतुलित रहता है, जिससे वजन सामान्य रेंज में बना रहता है। इससे इलाज और रिकवरी दोनों में सहायता मिलती है।

6. हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूती मिलती है

कैंसर का इलाज शरीर को कमजोर बना सकता है, खासकर हड्डियाँ और मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं। व्यायाम, विशेषकर स्ट्रेचिंग और हल्के वज़न उठाने वाले एक्सरसाइज़ से, शरीर को मजबूती मिलती है और गिरने या हड्डी टूटने का खतरा कम होता है।

7. स्वाभाविक जीवनशैली और आत्मनिर्भरता

जब मरीज खुद अपने शरीर को हर दिन कुछ समय देता है, तो वह एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाता है। यह आत्मनिर्भरता और आत्म-सम्मान को बढ़ावा देती है, जिससे मरीज खुद को फिर से सक्रिय और सक्षम महसूस करता है।

 8. इलाज के साइड इफेक्ट्स में कमी

कई रिसर्च में पाया गया है कि जो कैंसर मरीज व्यायाम करते हैं, उन्हें कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स जैसे — मिचली, उल्टी, भूख न लगना, या मुँह में छाले — कम होते हैं। इससे उनकी Quality of Life (जीवन की गुणवत्ता) बेहतर बनी रहती है।

कौन-कौन से व्यायाम फायदेमंद हैं? (Cancer se bachne ke upaye)

कैंसर से जूझ रहे मरीजों के लिए भारी-भरकम या ज़ोरदार व्यायाम करना सही नहीं होता। क्योंकि उनकी शारीरिक स्थिति सामान्य लोगों से अलग होती है और उनका शरीर इलाज की वजह से कमजोर होता है। इसलिए ऐसे व्यायाम करना ज़रूरी है जो शरीर पर ज्यादा दबाव न डालें, लेकिन फिर भी लाभकारी हों। हल्के-फुल्के और नियमित व्यायाम से शरीर और मन दोनों को फायदा होता है।

कुछ आसान और असरदार व्यायाम जो मरीज कर सकते हैं: (Cancer se bachne ke upaye)

  • सुबह और शाम 20-30 मिनट तेज़ चलना (Brisk Walking):
    तेज़ चलने से शरीर की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं, दिल की धड़कन सही रहती है, और शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। यह व्यायाम किसी भी उम्र और स्थिति के व्यक्ति के लिए उपयुक्त होता है। खासकर खुली हवा में चलना दिमाग को तरोताजा करता है।
  • हल्का योग और प्राणायाम:
    योगासन और प्राणायाम से न केवल शरीर लचीला होता है, बल्कि दिमाग को शांति भी मिलती है। सांस लेने की सही तकनीक से ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है और तनाव कम होता है। योगासन की कुछ आसान मुद्राएं जैसे ताड़ासन, वृक्षासन, और भुजंगासन कैंसर के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित होती हैं।
  • साइकल चलाना (अगर शरीर की ताकत हो):
    धीमी गति से साइकलिंग करना हृदय और फेफड़ों को मजबूत करता है। यह व्यायाम शरीर की सहनशक्ति बढ़ाने में मदद करता है और मांसपेशियों को सक्रिय बनाए रखता है।
  • स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज
    हल्की स्ट्रेचिंग से शरीर की लचीलापन बढ़ता है और जोड़ों में जकड़न कम होती है। यह व्यायाम शरीर को सुस्त होने से बचाता है और बेहतर मूवमेंट के लिए मददगार होता है।

कसरत सिर्फ शरीर नहीं, मन को भी ताकत देती है (Cancer se bachne ke upaye)

कैंसर से लड़ाई सिर्फ शारीरिक नहीं होती, यह मानसिक रूप से भी बहुत चुनौतीपूर्ण होती है। शरीर की कमजोरी के साथ कई बार डिप्रेशन, चिंता और डर भी मरीजों के मन में घर कर जाते हैं। ऐसे में व्यायाम का एक बड़ा फायदा होता है — यह मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है।

  • डिप्रेशन और चिंता में राहत: (Cancer se bachne ke upaye)
    नियमित कसरत करने से मस्तिष्क में एंडोर्फिन और सेरोटोनिन जैसे हार्मोन रिलीज़ होते हैं, जो मूड को बेहतर बनाते हैं और तनाव को कम करते हैं। इससे मरीज मानसिक रूप से मजबूत होकर बीमारी से लड़ पाते हैं।
  • सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास बढ़ाना: (Cancer se bachne ke upaye)
    जब शरीर सक्रिय रहता है और थकान कम होती है, तो व्यक्ति अपने इलाज के प्रति आशावादी और सकारात्मक होता है। यह सकारात्मक सोच उपचार की सफलता में बहुत मदद करती है।
  • बेहतर नींद: (Cancer se bachne ke upaye)
    मानसिक तनाव और चिंता की वजह से कई मरीजों को नींद की समस्या होती है। व्यायाम से नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है, जिससे शरीर को पूरा आराम मिलता है।
  • समाज से जुड़ाव: (Cancer se bachne ke upaye)
    कई बार व्यायाम समूह में किया जाता है, जिससे मरीजों को दूसरों से जुड़ने और सामाजिक समर्थन मिलने का मौका मिलता है। यह भी मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है।

 और क्या-क्या फायदे हैं व्यायाम के? (Cancer se bachne ke upaye)

  • रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune System) में सुधार: व्यायाम शरीर की प्राकृतिक रोग-प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत करता है, जिससे शरीर कैंसर कोशिकाओं से बेहतर तरीके से लड़ पाता है।
  • तनाव और चिंता में कमी: व्यायाम मस्तिष्क में “खुशी हार्मोन” (एंडोर्फिन) रिलीज करता है, जिससे मानसिक तनाव कम होता है और मरीजों का मनोबल बढ़ता है।
  • शारीरिक ताकत और सहनशक्ति बढ़ती है: इलाज के दौरान शरीर कमजोर हो जाता है, लेकिन व्यायाम से मांसपेशियां मजबूत रहती हैं और शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।

इस रिसर्च की प्रमुख बातें: (Cancer se bachne ke upaye)

  • यह अध्ययन अमेरिका, यूरोप और एशिया के 10,000 से अधिक आंत कैंसर मरीजों पर किया गया, जो अपने इलाज के विभिन्न चरणों में थे।
  • मरीजों को कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, सर्जरी के दौरान और बाद में लगातार मॉनिटर किया गया ताकि व्यायाम के प्रभाव को समझा जा सके।
  • रिसर्च में पाया गया कि जिन मरीजों ने सप्ताह में कम से कम 150 मिनट हल्का व्यायाम किया, उनमें कैंसर की वापसी (recurrence) का खतरा लगभग 30% तक कम था।
  • इसके अलावा, व्यायाम करने वाले मरीजों की जीवित रहने की संभावना भी उन मरीजों की तुलना में 25 से 40 प्रतिशत तक अधिक पाई गई, जिन्होंने व्यायाम नहीं किया।
  • अध्ययन में यह भी पता चला कि नियमित व्यायाम से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता (Quality of Life) में भी सुधार होता है।
  • हल्का व्यायाम कैंसर के इलाज से जुड़े साइड इफेक्ट्स जैसे थकान, डिप्रेशन, भूख में कमी और नींद की परेशानी को भी कम करता है।

क्या आप भी कर सकते हैं शुरुआत? (Cancer se bachne ke upaye)

अगर आप या आपके कोई परिचित कैंसर से लड़ रहे हैं, तो आज से ही हल्का-फुल्का व्यायाम शुरू करने की योजना बनाएं। इसके लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें ताकि आपकी सेहत के अनुसार सही व्यायाम निर्धारित किया जा सके। याद रखें, छोटा कदम भी बड़ा बदलाव ला सकता है।

यह रिसर्च कैंसर के खिलाफ लड़ाई में नयी उम्मीद जगाती है और बताती है कि दवाओं के साथ साथ स्वस्थ जीवनशैली अपनाना भी ज़रूरी है। व्यायाम के जरिए न केवल शरीर बल्कि मन भी मजबूत बनता है, जो किसी भी बीमारी से लड़ने में सबसे बड़ी ताकत है। 

कैंसर मरीजों के लिए एक्सरसाइज शुरू करने से पहले ध्यान देने वाली बातें (Cancer se bachne ke upaye)

कैंसर मरीजों के लिए व्यायाम करना लाभकारी तो है, लेकिन इसे शुरू करने से पहले कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है। हर मरीज की स्थिति अलग होती है, और इलाज के दौरान शरीर की क्षमता भी बदलती रहती है। इसलिए बिना तैयारी और उचित सलाह के व्यायाम करना नुकसान भी पहुंचा सकता है। आइए जानते हैं किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है:

1. डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें (Cancer se bachne ke upaye)

व्यायाम शुरू करने से पहले अपने ऑन्कोलॉजिस्ट या फिजियोथैरेपिस्ट से सलाह लें। वे आपकी बीमारी की स्टेज, ट्रीटमेंट के साइड इफेक्ट्स और आपकी ताकत के हिसाब से सुरक्षित एक्सरसाइज की सलाह देंगे। कभी-कभी इलाज के कुछ चरणों में व्यायाम से परहेज़ भी करना पड़ सकता है।

2. शरीर की सुनें – ज़रूरत से ज़्यादा ज़ोर न डालें (Cancer se bachne ke upaye)

कैंसर के इलाज के दौरान शरीर कमजोर होता है और थकान जल्दी लगती है। ऐसे में शरीर पर अधिक दबाव डालना ठीक नहीं होता। हल्के-फुल्के व्यायाम से शुरुआत करें, और धीरे-धीरे समय और गति बढ़ाएं। थकावट, चक्कर, सांस फूलना या दर्द हो तो तुरंत रुक जाएं।

3. स्ट्रेचिंग और वार्मअप से करें शुरुआत (Cancer se bachne ke upaye)

हर व्यायाम से पहले हल्का वार्मअप और स्ट्रेचिंग करें ताकि मांसपेशियां लचीलापन बनाए रखें और चोट का खतरा कम हो। ये अभ्यास रक्त संचार को भी बेहतर बनाते हैं।

4. हाइड्रेशन और पोषण का रखें ध्यान (Cancer se bachne ke upaye)

व्यायाम के दौरान शरीर से पसीना निकलता है, जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है। पानी पीते रहें और हल्के स्नैक्स (जैसे फल, नट्स) लेकर रहें ताकि ऊर्जा बनी रहे। भूखे पेट या थकान में कसरत न करें।

5. कीमोथेरेपी या रेडिएशन के दिनों में व्यायाम सीमित रखें (Cancer se bachne ke upaye)

इलाज के कुछ दिनों में शरीर बेहद कमजोर हो सकता है। खासकर कीमोथेरेपी के बाद इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है। ऐसे में ज़्यादा पसीना बहाने वाले या बाहर खुले में किए जाने वाले व्यायामों से बचें।

6. दर्द या सूजन होने पर तुरंत रोकें (Cancer se bachne ke upaye)

अगर किसी एक्सरसाइज के दौरान असहजता, जोड़ों में सूजन, हृदय की धड़कन तेज़ होना, सांस फूलना या चक्कर आना लगे, तो तुरंत व्यायाम बंद करें और डॉक्टर से संपर्क करें।

7. खुले और आरामदायक कपड़े पहनें (Cancer se bachne ke upaye)

व्यायाम करते समय ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर को आराम दें, त्वचा को सांस लेने दें और हल्की ढील दें। यह खासकर तब ज़रूरी होता है जब शरीर पर सर्जरी के निशान या रेडिएशन से हुई स्किन समस्याएं हों।

8. भीड़भाड़ या संक्रमित माहौल से बचें (Cancer se bachne ke upaye)

इलाज के दौरान इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, इसलिए जिम जैसी जगहों पर जाने से पहले सावधानी बरतें। बेहतर हो कि आप घर पर ही हल्के व्यायाम करें या खुले पार्क में कम भीड़ वाली जगह पर जाएं।

9. व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं (Cancer se bachne ke upaye)

कोशिश करें कि हर दिन तय समय पर हल्का व्यायाम करें। अनियमित एक्सरसाइज से शरीर को लाभ कम और झटका ज़्यादा लग सकता है। छोटी शुरुआत करें और उसे धीरे-धीरे अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

10. मानसिक रूप से तैयार रहें – खुद पर दबाव न बनाएं (Cancer se bachne ke upaye)

हर दिन एक जैसा नहीं होता। अगर किसी दिन थकान हो या मन न बने तो ज़बरदस्ती व्यायाम न करें। आराम भी इलाज का हिस्सा है। अपने मन को शांति दें और व्यायाम को एक सकारात्मक आदत की तरह अपनाएं।


कैंसर इलाज के लिए सरकारी योजनाएँ कौन-कौन सी हैं? (Cancer se bachne ke upaye)

कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसका इलाज महंगा होता है। कई बार लोगों की जमा पूंजी खर्च हो जाती है और उन्हें कर्ज लेना पड़ता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि सरकार ने कैंसर मरीजों की मदद के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं, जिनसे वे आर्थिक सहायता ले सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख सरकारी योजनाओं के बारे में:

1. स्वास्थ्य मंत्री के विवेकाधीन अनुदान (Cancer se bachne ke upaye)

यह योजना खासतौर पर उन कैंसर मरीजों के लिए है जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। इस योजना के तहत सरकार कैंसर के इलाज के लिए वित्तीय मदद देती है। अगर किसी मरीज की सालाना आय 1 लाख 25 हजार रुपये से कम है, तो उसे सरकार से इलाज के लिए अधिकतम 1 लाख 25 हजार रुपये तक की सहायता मिल सकती है। यह सहायता स्वास्थ्य मंत्री के फैसले के अनुसार दी जाती है।

2. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) / आयुष्मान भारत योजना (Cancer se bachne ke upaye)

यह योजना गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को निशुल्क इलाज की सुविधा देती है। इस योजना के तहत कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का इलाज मुफ्त या कम खर्च में होता है। इसके अंतर्गत अस्पताल में भर्ती, दवाइयाँ और इलाज के अन्य खर्चे सरकार वहन करती है। इससे गरीब परिवारों को बड़ा आर्थिक सहारा मिलता है।

3. राज्य बीमारी सहायता कोष (एसआईएएफ) (Cancer se bachne ke upaye)

यह योजना कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होती है। इसके तहत कैंसर मरीजों को 1 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। इस योजना का लाभ केवल उन राज्यों के निवासी ही उठा सकते हैं जहां यह लागू है। अगर आप उस राज्य के निवासी हैं, तो आप इस योजना का लाभ ले सकते हैं।

4. सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) (Cancer se bachne ke upaye)

यह योजना केंद्र सरकार के कामकाजी और रिटायर्ड कर्मचारी तथा उनके परिवार वालों के लिए है। इसके तहत सीजीएचएस से जुड़े अस्पतालों में कैंसर का इलाज मुफ्त या बहुत कम खर्च में कराया जा सकता है। अगर आप केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं या आपके परिवार में कोई कर्मचारी है, तो यह योजना आपके लिए है।

क्या आप भी कर सकते हैं शुरुआत? (Cancer se bachne ke upaye)

अगर आप या आपके कोई परिचित कैंसर से लड़ रहे हैं, तो आज से ही हल्का-फुल्का व्यायाम शुरू करने की योजना बनाएं। इसके लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें ताकि आपकी सेहत के अनुसार सही व्यायाम निर्धारित किया जा सके। याद रखें, छोटा कदम भी बड़ा बदलाव ला सकता है।

यह रिसर्च कैंसर के खिलाफ लड़ाई में नयी उम्मीद जगाती है और बताती है कि दवाओं के साथ साथ स्वस्थ जीवनशैली अपनाना भी ज़रूरी है। व्यायाम के जरिए न केवल शरीर बल्कि मन भी मजबूत बनता है, जो किसी भी बीमारी से लड़ने में सबसे बड़ी ताकत है। 

नया जीवन, नई शुरुआत: व्यायाम से मिले उम्मीद की रौशनी! (Cancer se bachne ke upaye)

कैंसर एक कठिन लड़ाई है, लेकिन यह अंत नहीं — बल्कि एक नई शुरुआत हो सकती है। जैसे सूरज अंधेरे के बाद फिर उगता है, वैसे ही व्यायाम उस रौशनी की तरह है जो अंधेरे में रास्ता दिखाता है। यह सिर्फ शरीर को नहीं, बल्कि आत्मा को भी ऊर्जा देता है। हल्की-फुल्की एक्सरसाइज़, योग, प्राणायाम और सक्रिय जीवनशैली के ज़रिए आप न सिर्फ कैंसर के प्रभावों को कम कर सकते हैं, बल्कि जीवन की गुणवत्ता को भी बेहतर बना सकते हैं।

याद रखिए — यह एक ‘जंग’ नहीं, बल्कि ‘सफ़र’ है… एक ऐसा सफर जिसमें हर छोटा कदम, हर सांस, हर पसीना की बूंद आपको जीवन की ओर, आशा की ओर, और जीत की ओर ले जाती है।

तो चलिए, आज ही एक नई शुरुआत करें। शरीर और मन — दोनों को सशक्त बनाएं। क्योंकि उम्मीद वही है, जहाँ हर दिन एक नई सुबह होती है — और वो सुबह, आपकी मेहनत से शुरू होती है!  (Cancer se bachne ke upaye)

“थोड़ा चलो, थोड़ा सांस लो — और जीवन को फिर से जीना शुरू करो!”

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Written By
Naval Kishor

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