हार्ट अटैक क्यों होता है? असली कारण जानिए!

जरा सोचिए, आपका दिल एक मेहनती इंजन की तरह है।
यह कभी नहीं रुकता — न तब जब आप सोते हैं, न जब आप थक जाते हैं, और न ही जब आप दुखी होते हैं।
यह हर पल चुपचाप और ईमानदारी से धड़कता रहता है — आपके पूरे जीवन में, हर एक सेकंड।
लेकिन जैसे हर इंजन कभी न कभी खराब हो सकता है, वैसे ही दिल भी कभी-कभी काम करना बंद कर सकता है।
और जब ऐसा होता है, तो इसे हार्ट अटैक कहा जाता है — और यह कोई छोटी बात नहीं होती।
पर ऐसा क्यों होता है? (heart attack kyu hota hai)
शरीर के अंदर आखिर क्या गलत हो जाता है?
और सबसे जरूरी बात — क्या हम इसे होने से रोक सकते हैं?
आइए इसे आसान, बातचीत जैसी और आंखें खोलने वाली भाषा में समझते हैं।
हार्ट अटैक क्या है? (heart attack kyu hota hai)
हार्ट अटैक (जिसे मेडिकल भाषा में मायोकार्डियल इन्फार्क्शन कहा जाता है) तब होता है जब दिल के किसी हिस्से में खून का बहाव अचानक रुक जाता है।
जब खून नहीं पहुँचता, तो उस हिस्से को ऑक्सीजन नहीं मिलती — और दिल की वह मांसपेशी मरने लगती है।
यह ऐसा है जैसे आप अपनी कार को बिना पेट्रोल चलाने की कोशिश करें।
वो हिचकोले खाएगी… और फिर बंद हो जाएगी। (heart attack kyu hota hai)
लेकिन आपका दिल कोई तेज़ चेतावनी नहीं देता।
अक्सर यह चुपचाप, छोटे-छोटे संकेतों से शुरू होता है — जैसे सीने में हल्का दबाव, साँस लेने में परेशानी या थकान महसूस होना।
अगर आप इन संकेतों को नजरअंदाज़ कर देते हैं, तो नुकसान हमेशा के लिए हो सकता है।
अब आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है — इसके पीछे की असली वजहें क्या हैं। (heart attack kyu hota hai)
हार्ट अटैक की असली वजहें क्या हैं? आइए छुपे हुए कारणों को करीब से समझें। (heart attack kyu hota hai)
एक और बड़ा कारण जो चुपचाप हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाता है, वह है हाई ब्लड प्रेशर। इसे अक्सर “साइलेंट किलर” कहा जाता है क्योंकि यह साफ़-साफ़ लक्षण नहीं दिखाता, लेकिन धीरे-धीरे यह आपकी धमनियों की दीवारों पर लगातार दबाव डालता रहता है। समय के साथ यह दबाव आपकी नसों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे वे कमजोर हो जाती हैं और उनमें प्लाक जमने की संभावना बढ़ जाती है।
यह आपके दिल को ज़रूरत से ज़्यादा काम करने पर मजबूर करता है, जिससे हार्ट फेलियर और दूसरी समस्याओं का खतरा बढ़ता है। इसलिए अपने ब्लड प्रेशर को नियमित रूप से चेक करना बहुत जरूरी है, खासकर क्योंकि इसे जीवनशैली में थोड़े बदलाव और ज़रूरत पड़ने पर दवा से भी कंट्रोल किया जा सकता है। (heart attack kyu hota hai)
आपका खाना आपकी दिल की सेहत पर बहुत बड़ा असर डालता है, जितना लोग सोचते हैं उससे भी ज़्यादा। बहुत ज़्यादा तैलीय, नमकीन और मीठा खाना — जैसे फास्ट फूड, तले हुए स्नैक्स और पैकेट वाले प्रोसेस्ड आइटम्स — आपके शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकते हैं और वजन भी बढ़ाते हैं।
ये चीज़ें सिर्फ आपके शरीर की बनावट नहीं बिगाड़तीं, बल्कि आपकी धमनियों को भी नुकसान पहुंचाती हैं और उनमें प्लाक जमने का कारण बनती हैं। इसके उलट, अगर आप ताजे फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और अच्छे फैट्स (जैसे नट्स, बीज, मछली, और एवोकाडो) का सेवन करें तो ये आपकी धमनियों को साफ़ करने में मदद करते हैं और हार्ट अटैक का खतरा काफी कम कर सकते हैं। (heart attack kyu hota hai)
स्मोकिंग यानि धूम्रपान, दिल और नसों को नुकसान पहुँचाने का सबसे तेज़ तरीका है। हर सिगरेट में मौजूद जहरीले रसायन आपके खून में ऑक्सीजन की मात्रा घटा देते हैं और आपकी धमनियों में जलन और सूजन पैदा करते हैं। इससे खून में थक्का बनने की संभावना बढ़ जाती है — जो सीधे हार्ट अटैक की वजह बनता है। यहाँ तक कि अगर आप खुद नहीं पीते लेकिन दूसरे के धुएं के संपर्क में हैं (सेकंड हैंड स्मोक), तो भी खतरा बना रहता है। इसलिए चाहे आप कितने भी समय से स्मोक कर रहे हों, छोड़ना हमेशा आपके दिल के लिए फायदेमंद है। (heart attack kyu hota hai)
शारीरिक गतिविधि की कमी एक और छुपा हुआ दुश्मन है। जब हम ज्यादा नहीं चलते — चाहे ऑफिस में घंटों बैठे रहना हो, मोबाइल-स्क्रीन पर चिपके रहना या सिर्फ आलस की वजह से — तो हमारा दिल वो एक्सरसाइज़ नहीं कर पाता जो उसे मजबूत रखने के लिए चाहिए। लगातार बैठे रहने से खून का बहाव धीमा हो जाता है, वजन बढ़ता है, और मेटाबॉलिज़्म कमजोर हो जाता है। धीरे-धीरे इससे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ और फिर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। सिर्फ 30 मिनट रोज़ चलना, स्ट्रेच करना या हल्का व्यायाम भी बहुत फ़र्क ला सकता है। (heart attack kyu hota hai)
बहुत ज़्यादा शराब पीना दिखने में भले ही तुरंत खतरनाक न लगे, लेकिन धीरे-धीरे यह ब्लड प्रेशर बढ़ा देता है, शरीर में खराब फैट्स की मात्रा बढ़ाता है और दिल की मांसपेशियों को भी नुकसान पहुँचाता है। ज़्यादातर एल्कोहॉलिक ड्रिंक्स में मीठा और फालतू कैलोरी भी होती है, जो वजन बढ़ाती है और लिवर पर असर डालती है। कभी-कभी सीमित मात्रा में पीना नुकसानदायक नहीं हो सकता, लेकिन लगातार अधिक पीना आपके दिल के लिए बहुत खतरनाक होता है। (heart attack kyu hota hai)
परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास और जेनेटिक्स भी हार्ट अटैक में भूमिका निभाते हैं। अगर आपके माता-पिता या करीबी रिश्तेदारों को दिल की बीमारी रही है, तो आपके लिए भी खतरा बढ़ जाता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आपको ज़रूर हार्ट अटैक होगा — इसका मतलब सिर्फ इतना है कि आपको अपने जीवनशैली पर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए। सही खानपान, नियमित व्यायाम और समय-समय पर हेल्थ चेकअप्स से आप इस खतरे से बच सकते हैं। (heart attack kyu hota hai)
डायबिटीज़ भी हार्ट अटैक का एक बड़ा कारण है। ज़्यादा शुगर आपकी नसों की अंदरूनी परत को नुकसान पहुँचाती है और धमनियों के काम करने के तरीके में बाधा डालती है। डायबिटीज़ वाले लोगों में अक्सर हाई कोलेस्ट्रॉल और मोटापा भी पाया जाता है। ये सभी फैक्टर्स मिलकर हार्ट अटैक का खतरा बहुत बढ़ा देते हैं। इसलिए शुगर लेवल को नियंत्रण में रखना बेहद ज़रूरी है — और यह डाइट, एक्सरसाइज़ और दवा के ज़रिए मुमकिन है। (heart attack kyu hota hai)
तनाव और चिंता का असर अक्सर लोग दिल पर कम आंकते हैं। जब आप हमेशा तनाव में रहते हैं, तो शरीर लगातार “फाइट या फ्लाइट” मोड में चला जाता है — जिससे स्ट्रेस हार्मोन निकलते हैं जो ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन तेज कर देते हैं। लंबे समय तक ऐसा रहना दिल को कमजोर कर देता है और अनियमित धड़कन जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। लगातार तनाव में रहने से हम धूम्रपान, ज़्यादा खाना और नींद की कमी जैसी आदतें भी अपना लेते हैं — जो हार्ट अटैक के खतरे को और बढ़ा देती हैं। (heart attack kyu hota hai)
आखिर में, उम्र और लिंग भी हार्ट अटैक के खतरे को प्रभावित करते हैं। 45 से ऊपर के पुरुषों और 55 से ऊपर की महिलाओं में हार्ट प्रॉब्लम्स होने की संभावना अधिक होती है क्योंकि उम्र के साथ नसों में बदलाव और हार्मोनल बदलाव आते हैं। लेकिन आजकल की तनावपूर्ण ज़िंदगी, बिगड़ा हुआ खानपान और बैठे रहने वाली दिनचर्या की वजह से अब 30 और 40 की उम्र के युवा भी हार्ट अटैक का शिकार बन रहे हैं। (heart attack kyu hota hai)
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तो क्या हार्ट अटैक को सच में रोका जा सकता है? (heart attack kyu hota hai)
बिलकुल, हाँ!
सच्चाई ये है कि करीब 90% हार्ट अटैक को रोका जा सकता है — वो भी किसी महंगे इलाज या जटिल तरीकों से नहीं, बल्कि सिर्फ कुछ आसान और लगातार अपनाई जाने वाली जीवनशैली की आदतों से।
ये ऐसा है जैसे आप किसी खास रिश्ते की रोज़ाना देखभाल करते हैं — ठीक वैसे ही आपको अपने दिल की भी देखभाल करनी होती है।
नीचे एक पूरी आसान लिस्ट दी गई है, जो आपको अपने दिल की हिफाज़त करने और उसे सही देखभाल देने में मदद करेगी।
अभी से ही आपको क्या करना शुरू करना चाहिए:
1. सादा और असली खाना खाइए (heart attack kyu hota hai)
ताज़ा सब्ज़ियाँ, फल, साबुत अनाज, दालें, नट्स, बीज और हेल्दी फैट्स (जैसे जैतून का तेल, एवोकाडो, और मछली) जैसी प्राकृतिक चीज़ें खाइए।
ये चीज़ें ज़रूरी पोषक तत्वों, एंटीऑक्सिडेंट्स और फाइबर से भरपूर होती हैं जो सूजन को कम करती हैं, कोलेस्ट्रॉल को घटाती हैं और धमनियों को साफ़ रखती हैं।
पैकेट वाले स्नैक्स और तले-भुने खाने को जितना हो सके छोड़ दीजिए — आपका दिल आपको धन्यवाद कहेगा।
2. हर दिन शरीर को हिलाइए-चलाइए (heart attack kyu hota hai)
आपका दिल एक मांसपेशी है — और हर मांसपेशी की तरह इसे भी मजबूत बने रहने के लिए नियमित गतिविधि चाहिए।
रोज़ कम से कम 30 मिनट तक थोड़ा तेज़ चलना, साइकिल चलाना, डांस करना या बागवानी जैसे हल्के काम ज़रूर करें।
जिम जाने की कोई ज़रूरत नहीं — बस इतना ध्यान रखें कि आप घंटों एक ही जगह न बैठे रहें।
नियमित गतिविधि खून का बहाव सुधारती है, ज़्यादा फैट जलाती है, ब्लड शुगर को कंट्रोल करती है और मूड को भी अच्छा बनाती है।
3. स्मोकिंग को पूरी तरह छोड़ दीजिए (heart attack kyu hota hai)
अगर आप स्मोक करते हैं, तो छोड़ना आपके दिल के लिए सबसे फायदेमंद कदम है।
चाहे आप कभी-कभी ही स्मोक करते हों, फिर भी इससे आपकी धमनियों की अंदरूनी परत को गंभीर नुकसान पहुँचता है और खून में ऑक्सीजन की मात्रा घटती है, जिससे दिल को ज़रूरत से ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है।
और याद रखें — दूसरों के धुएं में रहना (सेकंडहैंड स्मोकिंग) भी कम खतरनाक नहीं होता।
स्मोकिंग छोड़ने के फायदे कुछ ही दिनों में दिखने लगते हैं और समय के साथ बढ़ते जाते हैं। कभी भी देर नहीं होती।
4. तनाव को संभालना सीखिए (heart attack kyu hota hai)
तनाव सिर्फ दिमाग़ की बात नहीं है — ये सीधा आपके दिल पर असर डालता है।
जब आप लगातार तनाव में रहते हैं, तो शरीर स्ट्रेस हार्मोन (जैसे कोर्टिसोल और एड्रेनालिन) बनाता है जो ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट को बढ़ा देते हैं।
समय के साथ ये आपके दिल और नसों पर दबाव डालते हैं।
हर दिन कुछ मिनट शांति और आराम के लिए निकालिए — जैसे गहरी साँस लेना, मेडिटेशन करना, डायरी लिखना, म्यूज़िक सुनना या ताज़ी हवा में टहलना।
आपकी मानसिक और भावनात्मक सेहत भी उतनी ही ज़रूरी है।
5. पूरा दिन पानी पीते रहिए (heart attack kyu hota hai)
पानी आपके शरीर की हर कोशिका के लिए ज़रूरी है — और दिल के लिए भी।
अच्छी हाइड्रेशन खून के बहाव को सही रखती है और दिल पर ज़रूरत से ज़्यादा दबाव नहीं आने देती।
पानी की कमी से खून गाढ़ा हो सकता है, जिससे नसों पर ज़्यादा ज़ोर पड़ता है और थक्का बनने का खतरा बढ़ जाता है।
हर दिन कम से कम 7–8 गिलास पानी पिएं, और अगर आप ज़्यादा चलते हैं या गर्म जगह रहते हैं तो और ज़्यादा।
अपने साथ हमेशा एक पानी की बोतल रखें ताकि याद बना रहे।
6. रात को 7–8 घंटे की अच्छी नींद ज़रूरी है (heart attack kyu hota hai)
आपका दिल भी आराम चाहता है — जैसे आपका शरीर और दिमाग़।
गहरी नींद के दौरान आपका ब्लड प्रेशर खुद-ब-खुद घटता है और दिल की धड़कन भी स्थिर हो जाती है — जिससे दिल को आराम मिलता है।
खराब नींद, देर रात तक जागना या बार-बार नींद टूटना — ये सभी हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़, मोटापा और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाते हैं।
एक नियमित नींद का रूटीन बनाइए और सोने से पहले का समय शांत बनाने की कोशिश कीजिए।
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और अब जानते हैं कि आपको किन चीज़ों से बचना चाहिए (heart attack kyu hota hai)
1. जंक फूड और ट्रांस फैट से कहें अलविदा (heart attack kyu hota hai)
पैकेट वाले स्नैक्स, मीठे मिठाई वाले डेज़र्ट, ज़्यादा तला-भुना खाना, और ऐसे फूड जिनमें ट्रांस फैट हो — ये सब आपके दिल के सबसे बड़े दुश्मन हैं।
ये खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ाते हैं, अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को घटाते हैं और आपकी धमनियों के अंदर सूजन को बढ़ाते हैं।
समय के साथ, ये खाने आपकी नसों को जाम कर सकते हैं और दिल की बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
खाने के पैकेट पर दिए गए लेबल ज़रूर पढ़ें — अगर उसमें “हाइड्रोजेनेटेड” या “पार्शियल हाइड्रोजेनेटेड” तेल लिखा हो, तो उसे न खाएं।
2. लंबे समय तक बैठे रहने से बचें (heart attack kyu hota hai)
भले ही आप दिन में एक बार एक्सरसाइज़ कर लें, लेकिन अगर आप लंबे समय तक लगातार बैठे रहते हैं (जैसे ऑफिस की कुर्सी पर, सोफे पर, या सफर में), तो इससे खून का बहाव धीमा हो जाता है और मेटाबोलिज़्म पर बुरा असर पड़ता है।
हर घंटे में एक बार खड़े होकर थोड़ा खिंचाव करें या कुछ कदम टहलें — खासकर जब आप काम कर रहे हों।
हिलना-डुलना एक तरह की दवा है — जितना ज़्यादा आप चलेंगे, आपका दिल उतना ही स्वस्थ रहेगा।
3. थोड़ा-सा स्मोकिंग करना भी हानिकारक है — इसे नज़रअंदाज़ न करें (heart attack kyu hota hai)
कई लोग मानते हैं कि “थोड़ी-सी” स्मोकिंग या सिर्फ पार्टी में करना नुकसानदायक नहीं है — लेकिन सच ये है कि तंबाकू का कोई भी मात्रा में सेवन सुरक्षित नहीं होता।
सिर्फ एक सिगरेट भी आपके खून की नसों को नुकसान पहुंचा सकती है, ब्लड प्रेशर बढ़ा सकती है और खून में थक्का बनने का खतरा पैदा कर सकती है।
अगर आपने छोड़ दिया है, तो मजबूती से टिके रहें। और अगर आप छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, तो मदद लें — हर दिन बिना सिगरेट के आपका दिल और मजबूत होता है।
4. अपने जज़्बात को दबाकर न रखें (heart attack kyu hota hai)
अपने जज़्बात छुपाना, गुस्सा अंदर ही अंदर रखना या हमेशा तनाव में रहना आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालता है।
भावनात्मक तनाव शरीर में ऐसे रसायन उत्पन्न करता है जो दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर को बढ़ा देते हैं।
इसलिए अपने भावनाओं को दबाने की बजाय उन्हें स्वस्थ तरीकों से बाहर निकालें — जैसे किसी दोस्त से बात करना, थैरेपी लेना, डायरी में लिखना या रचनात्मक गतिविधियों में लगना।
मानसिक शांति से ही शारीरिक सेहत मिलती है।
5. अल्कोहल का सेवन सीमित रखें (heart attack kyu hota hai)
कभी-कभी थोड़ा-सा पीना कुछ लोगों के लिए ठीक हो सकता है, लेकिन नियमित या ज़्यादा पीने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, दिल की धड़कन असामान्य हो सकती है, मोटापा हो सकता है और दिल की मांसपेशियों को सीधा नुकसान हो सकता है।
अगर आप पीते हैं, तो सीमित मात्रा में ही पिएं — महिलाओं के लिए दिन में एक ड्रिंक और पुरुषों के लिए दो ड्रिंक से ज़्यादा नहीं।
कुछ लोग पूरी तरह से अल्कोहल से दूर रहकर ही बेहतर रहते हैं।
6. देर रात तक जागना और पूरी रात नहीं सोना — इससे बचिए (heart attack kyu hota hai)
असमान और बेतरतीब नींद आपके शरीर की प्राकृतिक घड़ी को बिगाड़ देती है और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन को बढ़ा देती है — जिससे आपका दिल ज़रूरत से ज़्यादा मेहनत करता है।
बहुत देर तक जागते रहना या बार-बार पूरी रात नहीं सोना आपकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है, मेटाबोलिज़्म को गड़बड़ करता है और दिल पर तनाव बढ़ाता है।
हर रात एक ही समय पर सोने की आदत डालें, और सोने से पहले मोबाइल और स्क्रीन से दूरी बनाएं — सोने का समय शांत और सुकून भरा बनाइए।
छोटे कदम, बड़ा असर: (heart attack kyu hota hai)
आपका दिल सिर्फ एक मशीन नहीं है — यह आपके जीवन का एक खामोश हीरो है, जो हर भावना, हर तनाव, हर खुशी और हर मुश्किल में भी लगातार धड़कता रहता है।
लेकिन किसी भी वफादार साथी की तरह, उसे भी आपकी देखभाल, आपका ध्यान और आपकी सुरक्षा की ज़रूरत होती है।
अब यह कोई रहस्य नहीं है कि दिल का दौरा क्यों होता है।
यह उन रोज़मर्रा की आदतों की वजह से होता है जो हम अपनाते हैं — हम क्या खाते हैं, तनाव को कैसे संभालते हैं, कितने सक्रिय रहते हैं, और कैसे सोते हैं।
अच्छी बात यह है — इन ज़्यादातर चीज़ों को बदलने की ताकत आपके हाथ में है। (heart attack kyu hota hai)
आपको अपनी पूरी ज़िंदगी को एक ही दिन में बदलने की ज़रूरत नहीं है।
छोटे-छोटे कदमों से शुरुआत करें। थोड़ा और चलें। थोड़ी गहरी सांस लें। दिन में एक बार हेल्दी खाना खाएं। एक गिलास पानी ज़्यादा पिएं।
हर छोटा बदलाव जुड़कर बड़ा असर लाता है — और आपका दिल इसे महसूस करता है।
याद रखिए, इलाज से बेहतर है बचाव। (heart attack kyu hota hai)
आज किए गए कुछ समझदारी भरे बदलाव, कल की बड़ी तकलीफ से आपको बचा सकते हैं।
तो सवाल यह नहीं है कि “क्या आप दिल का दौरा रोक सकते हैं?”
असली सवाल यह है — क्या आप आज से अपने दिल का ख्याल रखना शुरू करने के लिए तैयार हैं?
आपका दिल तैयार है। क्या आप तैयार हैं?
इंग्लिश में पढ़े – What Really Causes a Heart Attack? Let’s Understand It the Easy Way
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
हार्ट अटैक के शुरूआती लक्षण क्या होते हैं?
हल्का सीने में दबाव, साँस लेने में परेशानी, थकान, जी मिचलाना, चक्कर आना, या हाथ और जबड़े में दर्द। ये लक्षण हल्के और चुपचाप शुरू होते हैं — खासकर महिलाओं और डायबिटीज़ मरीजों में।
क्या बिना सीने के दर्द के भी हार्ट अटैक हो सकता है?
जी हां। कुछ लोगों में हार्ट अटैक थकावट, घबराहट या साँस फूलने जैसे लक्षणों के साथ होता है — सीने में दर्द जरूरी नहीं।
हार्ट अटैक क्यों होता है? असली कारण क्या हैं?
उच्च ब्लड प्रेशर, खराब खानपान, धूम्रपान, शारीरिक गतिविधि की कमी, शराब, तनाव, जेनेटिक्स, डायबिटीज़ और उम्र — ये सभी मिलकर दिल को कमजोर करते हैं और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाते हैं।
क्या हाई ब्लड प्रेशर वाकई में इतना खतरनाक है?
हां। हाई बीपी आपकी धमनियों को धीरे-धीरे खराब करता है, जिससे प्लाक जमती है और खून रुक सकता है — जिससे दिल का दौरा हो सकता है।
धूम्रपान छोड़ने से क्या फर्क पड़ता है?
बहुत बड़ा फर्क पड़ता है। धूम्रपान आपकी धमनियों को जला देता है और खून में ऑक्सीजन कम कर देता है। इसे जितनी जल्दी छोड़ें, उतना ही बेहतर।
क्या तनाव से भी हार्ट अटैक हो सकता है?
हां, बिल्कुल। लगातार तनाव में रहना शरीर में स्ट्रेस हार्मोन बढ़ाता है, जो दिल की धड़कन और बीपी को बढ़ाकर दिल को कमजोर करता है।