“क्या ब्रह्मपुत्र पर चीन का दबाव बनेगा भारत के लिए खतरा? बाढ़ के खतरे और पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल” (brahmaputra river dam china)

(brahmaputra river dam china )सीजफायर के बाद से पाकिस्तान लगातार यह कोशिश कर रहा है कि भारत के साथ एक बार फिर से सिंधु जल समझौते पर बातचीत शुरू हो। लेकिन अब तक उसकी सारी कोशिशें नाकाम रही हैं। हाल ही में पाकिस्तान ने एक और बड़ा दावा किया। उसने कहा कि अगर भारत ने पाकिस्तान का पानी रोकने की कोशिश की, तो चीन भी बदले में ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोक सकता है।
इस पूरे मामले में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने एक अलग ही नजरिया पेश किया। उनका कहना है कि अगर चीन वाकई ब्रह्मपुत्र का पानी रोकता है, तो इससे भारत को नुकसान नहीं होगा, बल्कि यह हमारे लिए फायदेमंद भी साबित हो सकता है।
अब सवाल ये है कि क्या चीन सच में ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोक सकता है? पाकिस्तान इस तरह की धमकी क्यों दे रहा है? और भारत के लिए इसमें क्या फायदा या नुकसान हो सकता है?
इन सभी सवालों का आसान जवाब और पूरा मामला हम आपको आज के एक्सप्लेनर में विस्तार से समझाएंगे।
ब्रह्मपुत्र नदी पर पाकिस्तान ने भारत को कैसी दी धमकी? जानिए पूरा मामला (brahmaputra river dam china )
30 मई को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के स्पेशल असिस्टेंट राणा एहसान अफजल ने एक टीवी चैनल को इंटरव्यू देते हुए भारत को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान का पानी रोककर बहुत बड़ी गलती की है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत ऐसा करता है, तो चीन भी ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोक सकता है। उनका कहना था कि अगर ऐसे कदम उठाए गए, तो इससे हालात बहुत बिगड़ सकते हैं और पूरी दुनिया जंग की तरफ बढ़ सकती है। (brahmaputra river dam china )
इससे कुछ दिन पहले, यानी 24 मई को कराची में पाकिस्तान और भारत के रिश्तों को लेकर एक चर्चा सत्र हुआ था। इस इंटरऐक्टिव सेशन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के एक और सीनियर असिस्टेंट मोहम्मद उस्मान ने भी भारत को धमकी दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान तो भारत से नीचे है, इसलिए भारत पानी रोक सकता है, लेकिन ब्रह्मपुत्र नदी के मामले में चीन ऊंचाई पर है और भारत नीचे। ऐसे में चीन चाहे तो भारत का पानी रोक सकता है।
असल में, भारत द्वारा सिंधु जल संधि को रोकने के बाद पाकिस्तान में चिंता और बेचैनी बढ़ गई है। पाकिस्तान को लग रहा है कि अगर भारत ने पानी रोकने की शुरुआत की, तो इसका जवाब चीन ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोककर दे सकता है। पाकिस्तान यह भी मानता है कि भारत का यह कदम एक खतरनाक मिसाल बन सकता है, जिसका नुकसान खुद भारत को ही झेलना पड़ सकता है। इसलिए पाकिस्तान लगातार इस मुद्दे को तूल दे रहा है और चीन का नाम लेकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। (brahmaputra river dam china )
चीन ने भी दी क्या ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोकने की धमकी? (brahmaputra river dam china )
जून में दिए एक इंटरव्यू में चीन के एक बड़े थिंक टैंक सेंटर फॉर चाइना एंड ग्लोबलाइजेशन के उपाध्यक्ष विक्टर झिकाई गाओ ने भारत को लेकर एक गंभीर चेतावनी दी। उन्होंने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि जैसे भारत से कुछ नदियां पाकिस्तान की ओर बहती हैं, वैसे ही चीन से भी कई नदियां भारत में बहती हैं। (brahmaputra river dam china )
अगर भारत अपने पड़ोसियों के खिलाफ पानी को एक हथियार की तरह इस्तेमाल करेगा, तो उसे तैयार रहना चाहिए कि दूसरे देश भी वैसा ही करेंगे। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इससे भारत के लिए कई मुश्किलें और गंभीर चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं।
जब उनसे ब्रह्मपुत्र नदी को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने एक नहीं, बल्कि तीन बार चेतावनी दोहराई। उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान के खिलाफ पानी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, नहीं तो चीन भी चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने इशारों में साफ कर दिया कि चीन ब्रह्मपुत्र जैसे बड़े जलस्रोतों को लेकर कार्रवाई कर सकता है।
दरअसल, विक्टर गाओ का यह बयान उस फैसले के बाद आया है जो भारत ने 22 अप्रैल को लिया था। उस दिन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 में हुए सिंधु जल समझौते पर रोक लगाने का ऐलान कर दिया था।
इस समझौते के तहत भारत को सिंधु नदी प्रणाली की तीन पूर्वी नदियों (सतलुज, ब्यास, रावी) का पूरा पानी मिलना था, जबकि तीन पश्चिमी नदियों (झेलम, चिनाब और सिंधु) का नियंत्रण पाकिस्तान के पास था।
भारत के इस फैसले के बाद पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ गई और अब चीन भी इस मामले में कूद पड़ा है। चीन की चेतावनी भारत के लिए इस बात का संकेत है कि अगर जल संसाधनों को लेकर कूटनीतिक तरीके से हल नहीं निकाला गया, तो आने वाले समय में यह मसला और बड़ा हो सकता है। (brahmaputra river dam china )
अगर चीन ने ब्रह्मपुत्र का पानी रोका, तो भारत को क्या नुकसान हो सकता है? (brahmaputra river dam china )
ब्रह्मपुत्र नदी चीन के तिब्बत इलाके से निकलती है और बहते हुए भारत के पूर्वोत्तर राज्यों, खासकर अरुणाचल प्रदेश और असम से होकर गुजरती है। इसलिए इस नदी के बहाव पर शुरुआती नियंत्रण चीन के पास होता है। इसका मतलब है कि अगर चीन चाहे तो ब्रह्मपुत्र का पानी रोक सकता है या फिर जरूरत से ज्यादा पानी छोड़ सकता है। ऐसे में भारत के लिए कई तरह की समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। (brahmaputra river dam china )
गर्मियों में पानी की भारी कमी हो सकती है (brahmaputra river dam china )
ब्रह्मपुत्र नदी को पूर्वोत्तर भारत की लाइफलाइन यानी जीवनरेखा कहा जाता है। ये नदी लाखों लोगों की पीने के पानी, खेती और बिजली उत्पादन की जरूरतों को पूरा करती है। अगर चीन इस नदी का पानी रोक देता है,
तो गर्मियों में जब बारिश कम होती है, उस वक्त अरुणाचल प्रदेश, असम और आसपास के इलाकों में पानी की भारी किल्लत हो सकती है।
आईआईटी रुड़की के पूर्व प्रोफेसर नयन शर्मा बताते हैं कि गर्मियों में वैसे ही ब्रह्मपुत्र को उसकी सहायक नदियों से मिलने वाला पानी कम हो जाता है। ऐसे में अगर चीन ऊपर से पानी रोके, तो हालात और खराब हो सकते हैं।
लोगों को पीने के पानी के लिए परेशानी होगी, किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलेगा और नदियों का जलस्तर घटने से पर्यावरण को भी नुकसान होगा। (brahmaputra river dam china )
अचानक ज्यादा पानी छोड़ने से बाढ़ का खतरा (brahmaputra river dam china )
चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर कई डैम और वॉटर रिज़र्वायर बना रखे हैं, जिनके ज़रिए वो नदी के पानी का बहाव अपने हिसाब से कंट्रोल कर सकता है। अगर चीन अचानक भारी मात्रा में पानी छोड़ता है, तो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।
वैसे भी ये राज्य जैसे कि असम हर साल मानसून के दौरान बाढ़ की मार झेलते हैं। लेकिन अगर चीन की तरफ से अचानक पानी छोड़ा जाए, तो बाढ़ और ज्यादा भयानक हो सकती है। कई गांव डूब सकते हैं, खेत बर्बाद हो सकते हैं, लोगों को अपने घर छोड़ने पड़ सकते हैं और जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है। (brahmaputra river dam china )
नतीजा – भारत को सतर्क रहने की जरूरत (brahmaputra river dam china )
इस तरह देखा जाए तो ब्रह्मपुत्र नदी को लेकर चीन के रवैये से भारत के लिए खतरे की घंटी बज सकती है। चीन के पास पानी रोकने या अचानक छोड़ने की क्षमता है, और अगर उसने ऐसा किया, तो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को गंभीर जल संकट और बाढ़ जैसी दोहरी मार झेलनी पड़ सकती है। इसलिए भारत को कूटनीतिक, पर्यावरणीय और तकनीकी स्तर पर सतर्क रहकर कदम उठाने होंगे ताकि इस प्राकृतिक संसाधन का सुरक्षित और संतुलित उपयोग हो सके। (brahmaputra river dam china )
ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोकने से भारत को नुकसान नहीं, बल्कि फायदा कैसे हो सकता है? (brahmaputra river dam china )
2 जून को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X (पहले ट्विटर) पर एक बहुत महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि ब्रह्मपुत्र नदी का लगभग केवल 30 से 35 प्रतिशत पानी ही चीन से आता है, जबकि बाकी 65 से 70 प्रतिशत पानी मानसून की बारिश और ब्रह्मपुत्र की कई छोटी-छोटी सहायक नदियों से आता है। उन्होंने बताया कि ब्रह्मपुत्र नदी में कई छोटी नदियां भी शामिल होती हैं जैसे लोहित, सुबांसीरी, कामेग, मानस, धनसिरी, जिया-भराली और कोपिली। ये सभी नदियां मिलकर ब्रह्मपुत्र की ताकत को बढ़ाती हैं और इसे जीवनदायिनी बनाती हैं। (brahmaputra river dam china )
सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने बताया कि भारत-चीन सीमा के पास ब्रह्मपुत्र नदी का पानी 2 से 3 हजार क्यूबिक मीटर प्रति सेकेंड के आसपास बहता है। लेकिन जैसे-जैसे यह नदी असम की समतल जमीन पर पहुंचती है, मानसून के दौरान इसका पानी बहुत तेजी से बढ़कर 15 से 20 हजार क्यूबिक मीटर प्रति सेकेंड तक पहुंच जाता है। इसका मतलब यह है कि मानसून में इस नदी का जल स्तर काफी बढ़ जाता है, जिससे कई बार असम और उसके आसपास के इलाके बाढ़ की समस्या से जूझते हैं।
हिमंत बिस्व सरमा ने यह भी साफ किया कि अगर चीन ब्रह्मपुत्र नदी के पानी का बहाव कम करता है या नियंत्रित करता है, तो इससे असम में हर साल होने वाली बाढ़ की समस्या को कम करने में भारत को मदद मिलेगी। असल में असम में बाढ़ एक बड़ी चिंता का विषय है। उदाहरण के लिए, 2024 में असम में आई बाढ़ के कारण लगभग 25 लाख लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाने को मजबूर हुए थे। इस वजह से इलाके में काफी तबाही हुई थी।
इसलिए अगर चीन ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को थोड़ा रोकता या नियंत्रित करता है, तो नदी में पानी की मात्रा कम हो जाएगी और बाढ़ की संभावना भी कम हो सकती है। मानसून के दौरान होने वाली भारी बारिश ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों में पानी की कमी को पूरा कर देगी। इस तरह पानी की कमी नहीं होगी और न ही बाढ़ का खतरा बढ़ेगा। इससे भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में पानी का संतुलन बना रहेगा और लोगों को बाढ़ की परेशानी से राहत मिलेगी। इस तरह चीन के पानी को रोकने के कदम से भारत को नुकसान नहीं, बल्कि फायदा हो सकता है। (brahmaputra river dam china )
क्या भारत को ब्रह्मपुत्र नदी को लेकर सच में कोई चिंता करने की जरूरत है? (brahmaputra river dam china )
विशेषज्ञों के अनुसार ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोकना भारत के लिए बड़ा खतरा नहीं है, लेकिन चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र पर बनाए जा रहे विशाल डैम से समस्या हो सकती है। यह डैम 137 बिलियन डॉलर की लागत से बनाया जा रहा है और भारत की सीमा से करीब 30 किलोमीटर दूर है। (brahmaputra river dam china )

चीन इस डैम के जरिए ब्रह्मपुत्र का पूरा पानी नियंत्रित कर सकता है, जिससे जब चाहे पानी रोक सकता है और अचानक छोड़ भी सकता है। अगर अचानक पानी छोड़ा गया, तो भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में भारी बाढ़ आ सकती है। अरुणाचल प्रदेश के बीजेपी सांसद तापिर गाओ ने इसे ‘वाटर बम’ तक कहा है।
हालांकि, भारत भी अरुणाचल प्रदेश में सिआंग नदी पर डैम बना रहा है, जो चीन के डैम से ज्यादा पानी रोक सकेगा। इस डैम से करीब 30 गांव डूबेंगे और लोगों को पलायन करना पड़ेगा।
इसलिए चीन का डैम भारत के लिए चिंता का विषय है, लेकिन भारत भी इसका सामना करने की तैयारी कर रहा है। (brahmaputra river dam china )
भारत में ब्रह्मपुत्र नदी का कितना महत्व है? (brahmaputra river dam china )
पूर्वोत्तर भारत और बांग्लादेश के लिए ब्रह्मपुत्र नदी एक बेहद महत्वपूर्ण और जीवन रेखा की तरह है। यह नदी सबसे पहले चीन के तिब्बत क्षेत्र से निकलती है, फिर अपने रास्ते में पूर्वोत्तर भारत के राज्यों से होकर गुजरती है और अंत में बांग्लादेश में जाकर बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। ब्रह्मपुत्र नदी कुल मिलाकर लगभग 2,900 किलोमीटर लंबा सफर तय करती है। भारत के लिए यह नदी कई वजहों से बहुत खास और जरूरी है, जिनमें से मुख्य तीन कारण सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। (brahmaputra river dam china )
पहला, ब्रह्मपुत्र नदी का पानी खेती और सिंचाई के लिए बहुत जरूरी है। खासकर असम राज्य में यह नदी धान, चाय, जूट और कई अन्य फसलों की खेती के लिए जीवनदायिनी साबित होती है। असम के लगभग 70% से ज्यादा कृषि क्षेत्र इसी नदी के पानी पर निर्भर हैं, जिससे वहां के किसान अपने खेतों में अच्छी फसल उगा पाते हैं।
दूसरा, ब्रह्मपुत्र नदी के तेज बहाव से हाइड्रोइलेक्ट्रिसिटी यानी बिजली बनाने में मदद मिलती है। अरुणाचल प्रदेश में इस नदी पर 2,000 मेगावाट की क्षमता वाला सुबनसिरी लोअर हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट मौजूद है, जो पूरे प्रदेश में बिजली की आपूर्ति करता है। इसके अलावा केंद्र सरकार भी ब्रह्मपुत्र नदी पर कई और बिजली उत्पादन के प्रोजेक्ट्स बना रही है, ताकि देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जा सके।
तीसरा, ब्रह्मपुत्र नदी जल मार्ग के तौर पर भी बहुत महत्वपूर्ण है। असम में इस नदी के रास्ते माल और लोगों का आवाजाही होती है। भारत सरकार ने नेशनल वाटरवे 2 के तहत ब्रह्मपुत्र नदी को एक आधुनिक जल परिवहन मार्ग के रूप में विकसित किया है, जिससे सामान की ढुलाई और यात्रियों का सफर आसान हो गया है।
इसके अलावा, ब्रह्मपुत्र नदी में मछली पालन भी किया जाता है, जो वहां के स्थानीय लोगों की आजीविका का बड़ा स्रोत है। बाढ़ के दौरान ब्रह्मपुत्र नदी अपने साथ उपजाऊ मिट्टी लेकर आती है, जिससे आसपास के खेतों की मिट्टी vruchtbaar होती है और किसानों को खेती में फायदा होता है। इस तरह, ब्रह्मपुत्र नदी न केवल पानी और बिजली देती है, बल्कि यह लोगों की रोज़ी-रोटी और जीवन से जुड़ी कई जरूरी चीजों का भी आधार है। इसलिए ब्रह्मपुत्र नदी भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। (brahmaputra river dam china )