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क्या आपको पता हैं ? आपका फ़ोन भी हैक हो चूका हैं !

क्या आपको पता हैं ? आपका फ़ोन भी हैक हो चूका हैं !
  • PublishedJune 12, 2025

ये धोखेबाज़ इतने चालाक हो चुके हैं कि आपको पता भी नहीं चलेगा और वो आपके बैंक डिटेल्स, पासवर्ड, और निजी जानकारी चुरा लेंगे। ऑनलाइन फ्रॉड (fraud) के तरीके भी अब बदल चुके हैं। पहले सिर्फ ईमेल आते थे, अब ये कॉल, SMS, WhatsApp, सोशल मीडिया और यहां तक कि नकली मोबाइल ऐप के ज़रिए भी हो सकता है। आजकल हमारी ज़िंदगी का बड़ा हिस्सा ऑनलाइन हो गया है – पैसे भेजना, ऑनलाइन शॉपिंग, बिल भरना, टिकट बुक करना, पढ़ाई करना और यहां तक कि दवाइयाँ मँगवाना भी। काम आसान हुआ है, लेकिन इसके साथ ही एक अदृश्य खतरा भी बढ़ा है – ऑनलाइन धोखाधड़ी (Online Fraud) .(cyber security in hindi) (cybersecurity tips)

सावधान! आपकी एक क्लिक बना सकती है फ्रॉड का शिकार (cyber security in hindi)

ऑनलाइन फ्रॉड (fraud) का मतलब होता है – इंटरनेट के ज़रिए धोखाधड़ी करना। इसमें कोई चालाक आदमी (जिसे फ्रॉड करने वाला या ठग कहते हैं) आपको धोखे में डालकर आपकी जरूरी जानकारी, जैसे कि बैंक का खाता नंबर, OTP, पासवर्ड या यहां तक कि पैसे भी चुरा सकता है।

ये ठग बहुत चालाक होते हैं और आपको ऐसा महसूस कराते हैं जैसे सब कुछ सही हो। लेकिन हकीकत में, उनका सिर्फ एक ही मकसद होता है – आपको लूटना।

चलिए कुछ आसान उदाहरणों से समझते हैं:

  1.  नकली बैंक कॉल: (cybersecurity tips)
    कोई कॉल करके खुद को बैंक कर्मचारी बताता है और OTP मांगता है। आप डरकर बता देते हैं, और खाते से पैसे निकल जाते हैं।
    याद रखें: बैंक कभी भी OTP या पासवर्ड फोन पर नहीं मांगती।
  2.  फर्जी इनाम वाला मैसेज: (cybersecurity tips)
    WhatsApp पर आता है – “आपने ₹25 लाख जीते हैं, लिंक पर क्लिक करें।”
    आप जानकारी भरते हैं और ठगी के शिकार हो जाते हैं।
      सच ये है: ऐसी कोई लॉटरी नहीं होती।
  3.  नकली शॉपिंग वेबसाइट: (cybersecurity tips)
    Facebook या गूगल पर सस्ते सामान के विज्ञापन दिखते हैं। आप ऑर्डर कर पैसे दे देते हैं, लेकिन सामान कभी नहीं आता।
      ध्यान रखें: हर सस्ती डील सही नहीं होती।

सतर्क नागरिक बनें: ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने की 4 जरूरी बातें (cybersecurity tips)

1.  अनजान लिंक पर क्लिक ना करें

कभी-कभी आपके मोबाइल पर SMS, ईमेल या WhatsApp मैसेज आता है जिसमें लिखा होता है:
“आपका अकाउंट बंद हो रहा है, तुरंत क्लिक करें!”
या
“₹50,000 का इनाम जीतने के लिए इस लिंक पर जाएं!” (cybersecurity tips)

ऐसे मैसेज में जो लिंक दिया जाता है, वह दिखने में असली जैसा लगता है लेकिन असल में वो एक फर्जी (fake) वेबसाइट होती है। जैसे ही आप उस पर क्लिक करते हैं, आपके फोन या कंप्यूटर में वायरस आ सकता है या आपकी निजी जानकारी चोरी हो सकती है।

 क्या करें:

  • ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक न करें जो अनजान नंबर, ईमेल या व्यक्ति से आया हो।
  • वेबसाइट पर जाने से पहले उसका URL ध्यान से जांचें।

2.  OTP या पासवर्ड किसी को ना बताएं

अगर कोई फोन करके आपसे OTP (One-Time Password) या पासवर्ड मांगता है, तो सावधान हो जाइए।
कई बार लोग खुद को बैंक या मोबाइल कंपनी का कर्मचारी बताकर आपसे ये जानकारी मांगते हैं। लेकिन जैसे ही आप OTP बताते हैं, वे आपके खाते में घुसकर पैसे निकाल सकते हैं।

 याद रखें:

  • कोई भी बैंक, मोबाइल कंपनी या सरकारी संस्था कभी OTP या पासवर्ड नहीं पूछती।
  • OTP केवल आपके लिए है — किसी भी हालत में किसी को न बताएं।

3.  पब्लिक Wi-Fi से बैंकिंग या संवेदनशील काम ना करें

कई बार हम कैफे, रेलवे स्टेशन या मॉल जैसी जगहों पर फ्री Wi-Fi इस्तेमाल करते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसे Wi-Fi नेटवर्क पर हैकर आसानी से आपकी जानकारी चुरा सकते हैं?

अगर आप ऐसे नेटवर्क पर बैंकिंग करते हैं या पासवर्ड डालते हैं, तो खतरा और बढ़ जाता है।

क्या करें:

  • जरूरी हो तभी पब्लिक Wi-Fi का इस्तेमाल करें, और तब भी बैंक या पर्सनल ऐप ना खोलें।
  • बेहतर है कि आप अपने मोबाइल डेटा का इस्तेमाल करें।

4.  सिर्फ भरोसेमंद ऐप और वेबसाइट ही इस्तेमाल करें

कभी-कभी हम ऐप्स को इंटरनेट से कहीं से भी डाउनलोड कर लेते हैं — जैसे किसी वेबसाइट या अनजान लिंक से।
ऐसे ऐप्स दिखने में ठीक लगते हैं, लेकिन वो आपके फोन का डेटा चुरा सकते हैं।

 क्या करें:

  • ऐप हमेशा सिर्फ Google Play Store (Android के लिए) या Apple App Store (iPhone के लिए) से ही डाउनलोड करें।
  • ऐप इंस्टॉल करने से पहले उसके रिव्यू और रेटिंग जरूर पढ़ें।
  • अगर कोई वेबसाइट बहुत सस्ता सामान दिखा रही है, तो सोच-समझकर ही ऑर्डर करें।

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कैसे पहचानें कि कोई लिंक या वेबसाइट फर्जी है? (cyber security in hindi)

1.  असामान्य URL (वेबसाइट का पता)

जब आप किसी वेबसाइट का लिंक देखें, तो उसके नाम पर ध्यान दें।
फर्जी (fraud) वेबसाइट असली वेबसाइट जैसी दिखती है, लेकिन उसके URL (जैसे: www.bankofbharat.com) में छोटी-छोटी ग़लतियाँ होती हैं।

उदाहरण:

  • असली वेबसाइट: www.sbi.co.in
  • फर्जी वेबसाइट: www.sbi-india.xyz या www.sbi.secure-login.in

क्या करें:

  • हमेशा URL को ध्यान से पढ़ें
  • गूगल पर जाकर वेबसाइट के असली नाम की पुष्टि करें

2.  वेबसाइट पर ग़लत हिंदी या अंग्रेज़ी (Language Mistakes)

फर्जी वेबसाइट पर अक्सर वर्तनी की गलतियाँ, टूटी-फूटी भाषा, या अजीब अनुवाद होता है।

उदाहरण:

  • “आपका अकाउंट है बंद हो जाएगा। जल्दी से लोगिन करने।”
  • ये भाषा असामान्य लगती है क्योंकि असली कंपनियाँ प्रोफेशनल भाषा का उपयोग करती हैं।

क्या करें:

  • अगर वेबसाइट या SMS में भाषा अजीब लगे, तो सतर्क हो जाएँ
  • असली वेबसाइट में भाषा साफ, सही और प्रोफेशनल होती है

3.  “http” की जगह “https” का ध्यान रखें

वेबसाइट के लिंक की शुरुआत में देखें — अगर उसमें https:// है तो साइट सुरक्षित हो सकती है, लेकिन अगर सिर्फ http:// है, तो सावधान रहें।

‘s’ का मतलब है Secure (सुरक्षित) – यानी वेबसाइट पर आपकी जानकारी एनक्रिप्ट (encrypt) हो रही है।

क्या करें:

  • किसी भी साइट पर लॉगिन, पेमेंट या पर्सनल जानकारी भरने से पहले यह ज़रूर चेक करें कि वेबसाइट https:// से शुरू हो रही है
  • ब्राउज़र में ताले 🔐  का निशान भी देखें

4.  बहुत सस्ते ऑफर या ‘Too Good to Be True’ डील

अगर कोई वेबसाइट आपको बहुत ही सस्ते दामों में मोबाइल, लैपटॉप या महंगे ब्रांड्स के कपड़े दे रही है, तो सतर्क रहें।

उदाहरण:

  • ₹50,000 का मोबाइल सिर्फ ₹2,999 में!
  • ब्रांडेड जूते ₹99 में!

क्या करें:

  • सोचें: क्या इतना सस्ता होना संभव है?
  • रिव्यू पढ़ें और वेबसाइट की जांच करें
  • भरोसेमंद वेबसाइट जैसे Amazon, Flipkart, या Myntra जैसी जगहों से ही खरीदारी करें

 => एक सरल ट्रिक याद रखें:

“सावधान यूजर = सुरक्षित इंटरनेट”
अगर किसी भी लिंक पर थोड़ा भी शक हो — तो क्लिक न करें। पहले गूगल करें, किसी जानकार से पूछें, और तब ही आगे बढ़ें।

फ्रॉड से क्या नुकसान हो सकता है?

ऑनलाइन फ्रॉड सिर्फ एक छोटी सी गलती लगती है, लेकिन इसका असर बहुत गहरा और लंबे समय तक हो सकता है। आइए एक-एक करके विस्तार से समझते हैं:

1.  आपके बैंक खाते से पैसे निकल सकते हैं

ऑनलाइन फ्रॉड (fraud) का सबसे आम और सीधा नुकसान यह है कि आपकी मेहनत की कमाई ठग ले जाते हैं।
अगर आपने किसी को OTP, कार्ड नंबर या पासवर्ड बता दिया, तो कुछ ही मिनटों में वो आपके खाते से पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।

कई बार लोग तब समझ पाते हैं जब बैंक से पैसे कटने का मैसेज आता है, लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है।
बैंक हर बार पैसा वापस नहीं कर पाता, खासकर अगर गलती आपकी ओर से हुई हो।

 सावधानी ही सुरक्षा है — सोच-समझकर ही कोई जानकारी साझा करें।

2.  आपका सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो सकता है

अगर आपने किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक किया या किसी को अपना पासवर्ड बता दिया, तो वे आपके सोशल मीडिया अकाउंट (जैसे Facebook, Instagram, WhatsApp) का कंट्रोल ले सकते हैं।

इसके बाद वे: (cybersecurity tips)

  • आपके नाम से फर्जी मैसेज भेज सकते हैं
  • आपके दोस्तों से पैसे या जानकारी मांग सकते हैं
  • आपकी तस्वीरें या निजी बातें सार्वजनिक कर सकते हैं

 इससे आपकी प्रतिष्ठा को भी नुकसान हो सकता है।

3. आपकी पहचान (ID) का गलत इस्तेमाल हो सकता है

अगर ठगों को आपके आधार नंबर, पैन कार्ड, वोटर ID या अन्य पहचान पत्र की जानकारी मिल जाए, तो वे इसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।

जैसे कि:

  • आपके नाम पर फर्जी सिम कार्ड निकलवा लेना
  • लोन या EMI लेकर आपको कर्जदार बना देना
  • आपराधिक गतिविधियों में आपका नाम जोड़ देना

 इससे आप बिना गलती के भी कानूनी झंझटों में फँस सकते हैं।

4.  आप मानसिक तनाव में आ सकते हैं

जब कोई व्यक्ति ठगी का शिकार होता है — खासकर जब पैसे या पहचान की चोरी हो जाती है — तो वह बहुत तनाव, डर और शर्म महसूस करता है।
कई लोग खुलकर किसी से बता भी नहीं पाते और अकेले दुख झेलते हैं।

मानसिक असर कुछ ऐसे हो सकते हैं:

  • चिंता और नींद की परेशानी
  • खुद पर गुस्सा और पछतावा
  • दूसरों से बात करने में डर लगना

मोबाइल को चार्ज लगाते हुए हो गए परेशान? ऐसे बढ़ाएं मोबाइल बैटरी की लाइफ ! 

अगर हो जाए ऑनलाइन फ्रॉड(fraud) – तो तुरंत ये 3 काम ज़रूर करें

अगर आपने गलती से किसी को अपनी पर्सनल जानकारी (जैसे OTP, पासवर्ड, कार्ड डिटेल्स) दे दी है या आपके खाते से पैसे कट गए हैं — तो सबसे ज़रूरी बात है:
घबराएं नहीं, तुरंत एक्शन लें।

=> यहाँ कुछ ज़रूरी कदम हैं जो आपको जितनी जल्दी हो सके उठाने चाहिए:

1.  बैंक को तुरंत कॉल करें और ट्रांज़ैक्शन ब्लॉक कराएं

जैसे ही आपको लगे कि कोई फ्रॉड हुआ है या पैसा कट गया है:

  • अपने बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर तुरंत कॉल करें।
  • उन्हें बताएं कि आपने गलती से जानकारी दे दी है या कोई अनजान ट्रांज़ैक्शन हुआ है।
  • उनसे कहें कि वो आपका कार्ड/नेट बैंकिंग ब्लॉक करें और पैसे रुकवाने की कोशिश करें।
  • अगर आप नेट बैंकिंग या मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करते हैं, तो खुद भी कार्ड को ब्लॉक या फ्रीज़ कर सकते हैं।

 टिप: हर बैंक का 24×7 हेल्पलाइन नंबर होता है — उसे अपने फोन में सेव रखें।

2.  1930 पर कॉल करके साइबर फ्रॉड की शिकायत करें

भारत सरकार ने साइबर फ्रॉड (fraud) के मामलों के लिए एक राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर – 1930 शुरू किया है।

  • यह नंबर 24 घंटे काम करता है।
  • कॉल करके आप तुरंत रिपोर्ट कर सकते हैं कि आपके साथ ऑनलाइन धोखा हुआ है।
  • आपकी जानकारी और ट्रांज़ैक्शन की डिटेल्स दर्ज की जाती हैं ताकि पुलिस और बैंक मिलकर पैसे रोक सकें।

 जल्दी रिपोर्ट करने से पैसा वापस मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

3.  cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें

अगर आप चाहें तो खुद भी भारत सरकार की साइबर क्राइम वेबसाइट पर जाकर रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं:

🔗 वेबसाइट: https://www.cybercrime.gov.in

यहाँ आप:

  • अपनी शिकायत लिख सकते हैं
  • ट्रांज़ैक्शन की डिटेल अपलोड कर सकते हैं
  • पहचान पत्र (ID) की कॉपी संलग्न कर सकते हैं
  • स्टेटस चेक कर सकते हैं कि आपकी शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई

 अगर फ्रॉड(fraud) बहुत बड़ा हो, तो वेबसाइट पर केस नंबर मिलने के बाद नजदीकी पुलिस स्टेशन में भी रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं।

 जरूरी सुझाव:

  • जितनी जल्दी आप रिपोर्ट करेंगे, उतनी ही संभावना है कि नुकसान कम हो या पैसा वापस मिल जाए।
  • स्क्रीनशॉट, कॉल रिकॉर्ड, ट्रांज़ैक्शन डिटेल्स जैसी चीज़ें सबूत के तौर पर संभालकर रखें।
  • किसी से शर्माने की ज़रूरत नहीं — ये ठग बहुत चालाक होते हैं, कोई भी शिकार बन सकता है।
आपका फोन और लैपटॉप भी हो सकते हैं हैक – बचाव का पूरा प्लान यहाँ है! (cyber security in hindi)

1. अच्छा एंटीवायरस लगाएं (cybersecurity tips)

एंटीवायरस एक ऐसा प्रोग्राम होता है जो आपके फोन या कंप्यूटर में वायरस, मालवेयर (malware), ट्रोजन (Trojan) जैसी खतरनाक चीज़ों से सुरक्षा करता है।

अगर आपके डिवाइस में एंटीवायरस नहीं है, तो कोई भी वायरस चुपचाप आपकी जानकारी चुरा सकता है।

क्या करें:

  • फोन के लिए Mobile Security App (जैसे: Norton, Bitdefender, Kaspersky Mobile)
  • कंप्यूटर के लिए Trusted Antivirus Software लगाएं
  • समय-समय पर स्कैन करते रहें और अपडेट रखें

2.  फोन/लैपटॉप को समय-समय पर अपडेट करें (cybersecurity tips)

कई बार हम “Update Later” पर क्लिक करके सॉफ्टवेयर अपडेट टाल देते हैं। लेकिन यही अपडेट आपके डिवाइस को नई (fraud) सुरक्षा देता है।

अगर अपडेट नहीं किया गया, तो हैकर्स पुराने सिस्टम की कमज़ोरियों का फायदा उठा सकते हैं।

क्या करें:

  • फोन, लैपटॉप, ब्राउज़र और ऐप्स को हमेशा लेटेस्ट वर्जन में अपडेट रखें
  • ऑटोमेटिक अपडेट चालू कर सकते हैं

3.  ऐप्स को ज़रूरी परमिशन ही दें (cybersecurity tips)

जब हम कोई नया ऐप इंस्टॉल करते हैं, तो वह हमसे कैमरा, लोकेशन, कॉन्टैक्ट्स, माइक्रोफोन जैसी चीज़ों की परमिशन मांगता है।

अगर आप बिना पढ़े सब कुछ “Allow” कर देंगे, तो ऐप आपकी बहुत निजी जानकारी चुरा सकता है।

क्या करें:

  • हर ऐप को वही परमिशन दें जो ज़रूरी है
    (उदाहरण: Calculator ऐप को कैमरा की जरूरत क्यों हो?)
  • फोन की Settings में जाकर App Permissions चेक करें
  • अनचाही परमिशन को तुरंत बंद करें

4.  फोन में लॉक और 2-step verification चालू करें (cybersecurity tips)

अगर आपके फोन में कोई लॉक नहीं है या सिर्फ पिन से खुलता है, तो यह असुरक्षित है।

अगर फोन चोरी हो जाए या किसी के हाथ लग जाए, तो आपकी सारी जानकारी खतरे में पड़ सकती है।

क्या करें:

  • फोन में Pattern, Fingerprint, Face Unlock या Strong Password लगाएं
  • Gmail, Facebook, WhatsApp जैसे अकाउंट्स में 2-Step Verification चालू करें
    इससे कोई भी आपके अकाउंट में आपकी इजाज़त के बिना नहीं जा पाएगा
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें – डिजिटल दुनिया में स्मार्ट बनें!

ऑनलाइन दुनिया ने हमारी जिंदगी को जितना आसान बनाया है, उतना ही इसे खतरे में भी डाला है। आज साइबर ठग हर उस रास्ते से हमला (fraud)कर सकते हैं जहां से हम ऑनलाइन रहते हैं — कॉल, SMS, WhatsApp, सोशल मीडिया, फर्जी वेबसाइट या नकली ऐप के ज़रिए। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है — थोड़ी सी समझदारी, सावधानी और समय पर कार्रवाई हमें बड़ी परेशानी से बचा सकती है।

=> याद रखें:

  • OTP, पासवर्ड और बैंक डिटेल्स किसी से भी साझा न करें।
  • अनजान लिंक या ऑफर्स पर भरोसा न करें, चाहे वे कितने भी आकर्षक क्यों न दिखें।
  • सिर्फ भरोसेमंद वेबसाइट और ऐप का इस्तेमाल करें।
  • अगर कोई फ्रॉड हो जाए, तो तुरंत 1930 पर कॉल करें और cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।

आपका डिजिटल जीवन आपकी ज़िम्मेदारी है। जितना सतर्क आप रहेंगे, उतना ही सुरक्षित रहेंगे।

=> सावधानी ही सबसे बड़ा साइबर सुरक्षा कवच है।

 => अपने फोन और कंप्यूटर को सुरक्षित बनाएं


  => अपने सोशल मीडिया और बैंक अकाउंट्स में 2-Step Verification चालू करें


  =>दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों को भी साइबर धोखाधड़ी से बचने के तरीके बताएं

  =>अनजान कॉल, मैसेज और लिंक से सतर्क रहें 

  =>किसी फ्रॉड की आशंका हो तो तुरंत 1930 पर कॉल करें


  => ज़्यादा जानकारी और शिकायत के लिए जाएं: cybercrime.gov.in

 आज ही एक छोटा कदम उठाइए और अपने डिजिटल जीवन को सुरक्षित बनाइए!
“सतर्क नागरिक ही साइबर ठगों(fraud) का सबसे बड़ा डर होता है!”

अब आपकी बारी है — सतर्क बनें, दूसरों को भी बचाएं!

अगर आपने यह ब्लॉग पढ़ लिया है, तो अब आपके पास वो जानकारी है जो लाखों लोगों को साइबर फ्रॉड (fraud)से बचा सकती है।

=> आज ही ये 3 काम ज़रूर करें:

  1. अपने सभी अकाउंट्स में 2-Step Verification चालू करें
  2. सिर्फ भरोसेमंद ऐप्स और वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें
  3. यह जानकारी अपने दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों के साथ ज़रूर साझा करें

=> फ्रॉड का शिकार होना आपकी गलती नहीं, लेकिन सतर्क न रहना ज़रूर है।

=> अगर आपको किसी लिंक, कॉल या मैसेज पर शक हो, (cybersecurity tips)
तुरंत 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।

=> याद रखें:
“एक जागरूक नागरिक ही साइबर ठगों का सबसे बड़ा डर होता है!”

=> अब आप क्या कर सकते हैं?
=> इस पोस्ट को शेयर करें,
=> कमेंट में बताएं – क्या आपने कभी ऑनलाइन फ्रॉड (fraud) का सामना किया है?
🤝 चलिए मिलकर एक सुरक्षित डिजिटल भारत बनाते हैं! (cybersecurity tips)

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Written By
Naval Kishor

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