गंगापुर के प्रसिद्ध खीरमोहन के व्यापारी नारायण गुर्जर, जिनका करोड़ो में टर्नओवर (Gangapur Famous Kheer Mohan Sweet)
Gangapur Famous Kheer Mohan Sweet- नारायण गुर्जर बिजरिया गांव के रहने वाले एक मामूली हलवाई हुआ करते थे। शुरुआत में इनकी बिजरिया गांव में एक छोटी सी दुकान थी। मगर वह दुकान ज्यादा नहीं चलती थी ,इसलिए नारायण ने कुछ समय बाद दूध की जरूरत ज्यादा बढ़ने पर, पशुपालन शुरू कर दिया। पशुपालन के दौरान वह डेयरी में दूध बेचकर पैसे कमाने लग गये, लेकिन कुछ समय बाद एक दिन नारायण और डेयरी वाले के बीच पैसे की बात को लेकर लड़ाई हो गयी। दोनों के बीच बहुत ज्यादा बहस होने के कारण नारायण ने डेयरी में दूध सप्लाई करना बंद कर दिया।
नारायण ने इसके बाद वापिस कोई दुकान का काम शुरू करने का सोचा और फिर कुछ दिन बाद नारायण ने वापिस देव् मिष्ठान भंडार के नाम से अपनी हलवाई की दुकान शुरू की और अपने दुकान में उस दूध का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
2014 में गंगापुर के प्रसिद्ध खीरमोहन बनाने की शुरुआत (Gangapur Famous Kheer Mohan Sweet)
नारायण गुर्जर को पता चला की साल 2014 में खीरमोहन (गंगापुरसिटी की प्रसिद्ध मिठाई) की कीमत 220 रुपये के लगभग हो रही थी। इसके बाद नारायण ने एक विचार किया और पुरे बाजार में प्रचार करवाया की देव् मिष्ठान भंडार में 220 रूपये के जगह 150 रुपये किलो खीरमोहन मिलेंगे। (Gangapur Famous Kheer Mohan Sweet)
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नारायण गुर्जर ने यह भी दावा किया की अगर देव् मिष्ठान भंडार में किसी भी प्रकार की मिलावट मिले या दिखे तो हम सजा के लिए तैयार रहेंगे। साथ ही कोई भी ग्राहक लेने से पहले मिठाई को खाकर जांच कर सकते है। जिस दिन देव् मिष्ठान भंडार की लॉन्चिंग की, उस दिन लोगो की खीरमोहन लेने के लिए काफी ज्यादा भीड़ होने लगी।
गंगापुर के बाजार में देव के चर्चे लगातार बढ़ते ही गए और बाकी दुकानों पर सन्नाटा हो गया। भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ गयी की उस दिन लोगो को नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन को काफी मेहनत करनी पड़ी थी। इस बात से पता चलता है की लोगो ने इसे कितना पसंद किया है। (Gangapur Famous Kheer Mohan Sweet)
आज के समय पर देव् मिष्ठान भंडार की कई शहरों में फ्रेंचाइजी सिस्टम पर काम कर रहे है। इनमे हर रोज 25 क्विंटल खीरमोहन और बर्फी बनायी जाती है। इतनी मात्रा पर लोग इसे लेकर जाते है। नारायण गुर्जर के अनुसार बिज़नेस में ईमानदारी सबसे जरूरी है। उन होने शुरुआत कम से कम मार्जिन पर और बिना किसी मिलावट के काम शुरू किया था। एक छोटी सी दुकान करने वाला हलवाई नारायण गुर्जर लोगो को रोजगार दे रहे है।
आज के समय में यह अपनी दुकानों से 13 करोड़ से ऊपर तक टर्नओवर कर रहे है। आज के समय पर उन्होंने पूरे क्षेत्र में अपना बिज़नेस फैला लिया है। देव् मिष्ठान भंडार बहुत मशहूर और कामयाब हो गया है। अब इसमें खीरमोहन बनाने की मशीन और दूध गर्म करने की मशीन लग चुकी है। (Gangapur Famous Kheer Mohan Sweet)
खीरमोहन क्या है ? (Gangapur Famous Kheer Mohan Sweet)
खीर मोहन गंगापुरसिटी की प्रसिद्ध मिठाई है। गंगापुर सिटी में सबसे पहले खीरमोहन हाबुलाल हलवाई ने बनाया था। हाबुलाल अग्रवाल ने करीब 1950 में यह मिठाई बनाई थी। पंजाब में दूध को खीर बोलते है और खीरमोहन दूध को फाड़कर बनाया जाता है। इसलिए इसका नाम खीरमोहन रखा गया है। खीरमोहन में किसी तरह के महंगे ड्राई फ्रूट का इस्तेमाल नहीं होता, इसी कारण से खीरमोहन 4 से 5 दिन तक खराब नहीं होते। (Gangapur Famous Kheer Mohan Sweet)
खीरमोहन की खास बात यह है कि इसे चाशनी में ही पकाया जाता है। इसे बनाने के लिए पहले दूध को टाटरी से फाड़कर इसका छैना तैयार किया जाता है। छैने में सूजी और शक्कर मिलाकर इसे झज्जर से छानते हैं। फिर इस मिश्रण को लडडू की तरह गोल बनाकर इसे उबलती चाशनी में पकाते हैं। लाल-भूरा रंग होने के बाद एक दिन तक चाशनी में डालकर ही रखा जाता है। 24 घंटे के बाद खीरमोहन खाने के लिए तैयार हो जाता है। यह खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगते है। गंगापुर सिटी के खीरमोहन पूरे प्रदेश में मशहूर हो गये है। (Gangapur Famous Kheer Mohan Sweet)
Conclusion :- नारायण गुर्जर ने अपनी छोटी सी दुकान से काम शुरू किया था। आज वह इस मुकाम पर पहुंच गये है की वह लोगो को लाखो रुपये की सैलरी दे रहे है। उन्होंने कई जगह अपनी दुकान खोल ली है और करोड़ो की कमायी कर रहे है। नारायण ने अपनी ईमानदारी और मेहनत से यह मुकाम पाया है।
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