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हैदराबाद में आग का ज़हरीला धुआं उठा जिससे हुई परिवार के 17 लोगों  समेत 8 बच्चो की मौत । (Hyderabad fire tragedy)

हैदराबाद में आग का ज़हरीला धुआं उठा जिससे हुई परिवार के 17 लोगों  समेत 8 बच्चो की मौत । (Hyderabad fire tragedy)
  • PublishedMay 20, 2025

(Hyderabad fire tragedy) “जो एक खुशहाल पारिवारिक मिलन होना चाहिए था, वो गर्मी की छुट्टियों में एक दर्दनाक हादसे में बदल गया।” हैदराबाद के चारमीनार के पास एक पुरानी इमारत में आग लगने से 17 लोगों की जान चली गई। यह इमारत बहुत पुरानी और तंग गलियों में बनी थी, जिससे लोग समय पर बाहर नहीं निकल पाए। इस इमारत में एक ही परिवार पिछले 125 सालों से रह रहा था और उनका आभूषण का कारोबार था।

कैसे ये खुशहाल पारिवारिक मिलन  बना दिलदहलाने वाला हादसा ? (Hyderabad fire tragedy)

हैदराबाद के लोगों को उस समय गहरा सदमा लगा जब शहर के गुलजार हाउस इलाके में एक भीषण आग में एक ही परिवार के 17 लोगों की जान चली गई। मरने वालों में 8 मासूम बच्चे भी थे। यह हादसा उस जगह हुआ जो मशहूर चारमीनार से सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर है। बताया जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी थी। यह समय परिवार के साथ गर्मी की छुट्टियाँ मनाने का था, लेकिन यह खुशी का मौका एक डरावने हादसे में बदल गया। जिनकी जान गई, उनमें घर आई हुई चार बेटियाँ और उनके छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल थे। (Hyderabad fire tragedy)

रविवार सुबह जब आग लगी, तो घर में मौजूद लोगों के पास निकलने का कोई रास्ता नहीं था। इमारत में आने-जाने का सिर्फ एक दरवाज़ा था। सभी खिड़कियाँ बंद थीं, शायद एयर कंडीशनर की वजह से। धुआं बाहर नहीं निकल पाया और पूरा घर एक गैस चैंबर बन गया।

ऐसा माना जा रहा है कि ज़हरीले धुएं ने कुछ ही मिनटों में लोगों को बेहोश कर दिया।
तेलंगाना डिजास्टर रेस्पॉन्स और फायर सर्विसेज के प्रमुख वाई नागी रेड्डी ने बताया कि सभी की मौत धुएं में दम घुटने से हुई है। किसी को जलने की चोट नहीं आई।

पुलिस ने भी इस हादसे के लिए इमारत की बनावट को जिम्मेदार ठहराया। दक्षिण हैदराबाद की डीसीपी स्नेहा मेहरा ने कहा कि आग बुझाने वाली टीम को अंदर जाने के लिए दीवार तोड़कर एक नया रास्ता बनाना पड़ा, क्योंकि एक ही छोटा रास्ता था जो काफी नहीं था।

कैसे किया गया पीड़ितों को रेस्क्यू ? (Hyderabad fire tragedy)

 फायर फाइटर ने दीवार तोड़कर दूसरा रास्ता बनाया और वहीं से अंदर घुसे। अंदर मौजूद ज़्यादातर लोग बेहोश थे। डीसीपी ने बताया कि यह इलाका पुराने मकानों से भरा हुआ है, जिनमें कुछ नई इमारतें भी हैं। जहां आग लगी थी, वहां पहुंचने का सिर्फ एक  रास्ता था।

 हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि कुछ लोग अंदर से दरवाज़ा बंद कर चुके थे। रेस्क्यू ऑपरेशन में कम से कम 11 फायर इंजिन्स गाड़ियाँ, एक फायर फाइटिंग रोबोट और कई  फायर फाइटर लगे  हुए थे। कुछ स्थानीय लोगों ने कहा कि फायर फाइटर गाड़ियों में पानी खत्म हो गया था, लेकिन एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात को गलत बताया। श्री रेड्डी ने बताया, “हर फायर फाइटर गाड़ी में 4,500 लीटर पानी होता है, और बाकी पानी नगर निगम उपलब्ध कराता है।

इस इलाके के कुछ दुकानदारों ने आग लगने की वजह तेज बिजली के झटकों को बताया है। गुलजार हाउस की ग्राउंड फ्लोर पर कई मोती की दुकानें हैं। हैदराबाद और सिकंदराबाद मोती संघ के सचिव श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा कि पिछले एक हफ्ते में यहां तीन बार आग लग चुकी है। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे स्थानीय लोगों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें।

मंत्रीओ ने  इस दुखद घटना पर जताया गहरा शोक । (Hyderabad fire tragedy)

प्रधानमंत्री कार्यालय ने बाद में बताया की कि इस हादसे के शिकार परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “तेलंगाना के हैदराबाद में आग लगने से जान गंवाने वालों के लिए गहरा दुःख है। जिन लोगों ने अपने करीबी खोए हैं, उन्हें मेरी संवेदनाएं। घायल लोग जल्द ठीक हों।”

उन्होंने ये भी बताया कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से हर मृतक के परिवार को 2 लाख रुपये की मदद दी जाएगी, और घायल लोगों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।

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Written By
Naval Kishor

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