2024 में बदल गया हैं कानून, जानिए क्या अपराध करने पर अब कौनसी धारा लगेगी। (New list of section in 2024 in Hindi)
New list of section in 2024 in Hindi- आज 1 जुलाई 2024 से भारत देश में तीन नए क्रिमिनल कानून लागु करके कुछ बदलाव कर दिए हैं। इन 3 नए क्रिमिनल कानूनों में महिलाओं, बच्चों और जानवरों से जुड़ी हिंसा के कानूनों को सख्त किया गया है। इसके अलावा कई Procedural बदलाव भी किये गए हैं। जिस से अब आप घर बैठे e-FIR दर्ज करा सकते हैं।
21 दिसंबर 2023 को भारत की संसद ने पहले से मौजूद क्रिमिनल कानूनों को बदलने के लिए तीन नए आपराधिक कानून पारित किए थे। 25 दिसंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा संसद में पारित किये गए कानून को मंजूरी दी गई। और अब इन कानूनों को 1 जुलाई 2024 से पूरे देश में लागू कर दिया गया है। (New list of section in 2024 in Hindi)
1860 में बने इंडियन पीनल कोड 1 (IPC) की जगह अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 लागू कर दिया गया हैं।
BNS कानून में IPC के 22 प्रावधानों को निरस्त किया गया हैं और 175 में बदलाव किया गया है। और इसके साथ ही कानून में 8 नई धाराएं जोड़ी गईं हैं। भारतीय न्याय संहिता, 2023 में कुल 356 धाराएं हैं। (New list of section in 2024 in Hindi)
1898 में बने CrPC की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 लागू कर दी गई हैं।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के के द्वारा CrPC के 9 प्रावधानों को निरस्त किया गया हैं, 160 प्रावधानों में बदलाव और 9 नए प्रावधान ऐड किए गए हैं। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में अब कुल 533 धाराएं हैं।
1872 में बने इंडियन एविडेंस कोड की जगह अब भारतीय साक्ष्य संहिता 2023 लागू कर दिया गया हैं।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 पहले से मौजूद इंडियन एविडेंस कोड के 5 प्रावधानों को निरस्त कर दिया गया है। 23 प्रावधानों में बदलाव करने के साथ-साथ एक नया प्रावधान भी शामिल किया गया है। अब कानून में कुल 170 धाराएं हैं।
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तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम आज 1 जुलाई सोमवार से पूरे देश में लागू हो गए हैं। इन नए कानून के लागू होने से ना सिर्फ धाराएं बदल गई हैं, बल्कि कई प्रावधानों की परिभाषा भी बदल गई है। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने आईपीसी (1860), सीआरपीसी (1973) और एविडेंस एक्ट (1872) की जगह ली है। (New list of section in 2024 in Hindi)
भारतीय न्याय संहिता (BNS) में अभी कुल 358 धाराएं हैं। इससे पहले आईपीसी में 511 धाराएं थीं। BNS में 20 नए अपराध शामिल किए गए हैं। और 33 अपराधों में सजा का समय बढ़ाया गया है। 23 अपराधों में न्यूनतम सजा का प्रावधान दिया गया है। 83 अपराधों में जुर्माने की राशि पहले से ज्यादा कर दी गई है। 6 अपराधों में सामुदायिक सेवा का प्रावधान किया गया है। इस अधिनियम में 19 धाराओं को हटा दिया गया हैं। लेकिन 8 नई धाराएं जोड़कर 22 धाराओं को निरस्त कर दिया गया है।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Indian Civil Defense Code) में अभी कुल 531 धाराएं हैं। और सीआरपीसी में 484 धाराएं थीं। BNSS में कुल 177 प्रावधान बदले गए हैं। इसमें 9 नई धाराओं के साथ-साथ 39 नई उपधाराएं भी जोड़ी गई हैं। 44 नए प्रावधान और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं। साथ ही 35 सेक्शन में समय-सीमा जोड़ी गई है और 35 सेक्शन पर ऑडियो-वीडियो प्रावधान प्रावधान जोड़ा गया है। और कुल 14 धाराएं हटा दी गई हैं। (New list of section in 2024 in Hindi)
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) में कुल 170 धाराएं हैं। अभी कुल 24 प्रावधान बदले गए हैं। दो नई धाराएं और छह उप-धाराएं जोड़ी गई हैं। और इसके साथ ही 6 प्रावधान हटा दिए दिए गए है। (New list of section in 2024 in Hindi)
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आईपीसी में मॉब लिंचिंग के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया था। अब इस अपराध के लिए उम्रकैद से लेकर मौत तक की सजा हो सकती है। इसके बारे में बीएनएस की धारा 103 (2) में बताया गया हैं।
आइये अब जानते हैं की नए कानून में कौनसे केस पर कौनसी धारा लगती हैं ?(New list of section in 2024 in Hindi)
नए कानून में यदि कोई छीना-झपटी से जुड़े केस होता है तो BNS की धारा 302 के तहत केस दर्ज होगा। पहले आईपीसी में धारा 302 में हत्या से जुड़े मामले का प्रावधान दिया गया था। इसी तरह, गैर कानूनी रूप से एकत्र होने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 144 लगाई जाती है। लेकिन अब इसे धारा 187 कहा जाएगा। (New list of section in 2024 in Hindi)
नए क्रिमिनल कानूनों से 4 मुश्किलें देखने को मिल सकती हैं। (New list of section in 2024 in Hindi)
- अब कोर्ट में जजों को दो तरह के कानून के बारे में जानकारी लेना आवश्यक हैं।
- 30 जून से पहले के जितने भी केस दर्ज हैं उनकी अपील पुराने कानून के अनुसार ही होगी। भारत में अदालतों में लगभग 5.13 करोड़ केस पेंडिंग हैं, जिनमें से लगभग 3.59 करोड़ यानी 69.9% क्रिमिनल मैटर्स हैं। इन पुराने केस का निपटारा पुराने कानून के हिसाब से ही किया जाएगा।
- नए कानून में मुकदमों के जल्द ट्रायल, अपील और इसके फैसले पर जोर दिया गया है। पुराने चल रहे मुकदमों में फैसलों के बिना नए मुकदमों पर जल्द फैसले से जजों के सामने नई चुनौती आ सकती है।
- इसके अलावा एक ही विषय पर जजों को दो तरह के कानून के बारे में जानकारी लेनी होगी, जिसकी वजह से कन्फ्यूजन बढ़ने के साथ केस में Complexity बढ़ सकती है। (New list of section in 2024 in Hindi)
- पुलिस के ऊपर अब ज्यादा दबाव बढ़ेगा
- नए कानून आने की वजह से अब सबसे ज्यादा बोझ पुलिस पर पड़ेगा। पुराने केस के लिए उन्हें पुराने कानून की जानकारी होनी चाहिए और नए केस की जांच नए कानून के अनुसार होगी।
- वैसे अगर देखा जाये तो नया कानून भी लगभग पुराने कानून जैसा ही है लेकिन कानून को लेकर कुछ नयापन लाने के चक्कर में IPC, CrPC और एविडेंस एक्ट की पुरानी धाराओं का क्रम बदल दिया गया है। इस वजह से पुलिस वालो के लिए थोड़ा मुश्किल हो गया हैं। (New list of section in 2024 in Hindi)
- वकीलों की भी जिम्मेदारी और कन्फ्यूजन बढ़ेगा।
- जज और पुलिस के साथ साथ अब वकीलों को भी दोनों तरह के कानूनों की जानकारी रखनी होगी। यदि अब कोई नया केस आता है तो नए कानून में केस के जल्द फैसले के प्रावधान हैं, लेकिन पुराने केस के निपटारे के बिना नए केस पर जल्द फैसला करना मुश्किल होगा। इस वजह से वाकिन के ऊपर भी प्रेशर बढ़ेगा।
- और अभी LLB करने वाले स्टूडेंट्स साथ में अब नए कानून का अध्ययन भी करेंगे, लेकिन इसके लिए उन्हें रिसर्च मटेरियल और केस लॉ की कमी रहेगी। (New list of section in 2024 in Hindi)
- आम लोगों का पुलिस उत्पीड़न बढ़ सकता है
- नए कानूनों में पुलिस की हिरासत की समय में बढ़ने की वजह से आम लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
- जब पुलिस पर काम का ज्यादा प्रेशर होगा तो इसका भी आम लोगो पर बहुत फर्क पड़ता हैं।
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