2025 में होने वाले टॉप ऑनलाइन स्कैम्स — धोखा खाने से बचें!

जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे ऑनलाइन ठगों के तरीके भी और खतरनाक होते जा रहे हैं। 2025 में साइबर क्रिमिनल्स पहले से कहीं ज़्यादा चालाक, संगठित और टेक-सैवी हो गए हैं। अब ये लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डीपफेक तकनीक और स्मार्ट सोशल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल करके लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। (online frauds kaise bache)
फेक जॉब ऑफर, AI से बने फिशिंग ईमेल्स, वॉइस-क्लोन फोन कॉल्स और झूठे इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म—आजकल के स्कैम्स पुरानी “नाइजीरियन प्रिंस” ईमेल्स से कहीं आगे निकल चुके हैं। ये अब सिर्फ बड़ी कंपनियों को नहीं बल्कि आम इंटरनेट यूज़र्स, ऑनलाइन शॉपर्स, फ्रीलांसरों और रिमोट वर्कर्स को भी अपना टारगेट बना रहे हैं।
इन स्कैम्स के बारे में जानना अब सिर्फ समझदारी नहीं, ज़रूरी हो गया है। एक क्लिक, एक डाउनलोड या एक जवाब आपको आपके पैसे, डेटा या पहचान से हाथ धो बैठा सकता है।
इसीलिए हम आपके लिए लेकर आए हैं 2025 के टॉप ऑनलाइन स्कैम्स की लिस्ट—और साथ ही ये भी कि आप कैसे खुद को इनसे बचा सकते हैं।
2025 के टॉप 10 ऑनलाइन स्कैम्स और उनसे बचने के आसान तरीके (online frauds kaise bache)
1. AI से बने इम्पर्सनेशन स्कैम्स (online frauds kaise bache)
क्या है:
अब स्कैमर्स AI की मदद से किसी की आवाज़ या चेहरा कॉपी कर लेते हैं। वो आपके बॉस, दोस्त या परिवार वाले बनकर बात करते हैं। आपको एक वॉइस नोट या वीडियो कॉल मिल सकता है जो बिल्कुल असली लगे—लेकिन वो फेक होता है।
उदाहरण:
आपको “मैनेजर” का वॉइस मैसेज आता है कि तुरंत पैसे भेजो। आवाज़ बिल्कुल वैसी ही होती है—but असली मैनेजर नहीं है।
कैसे बचें:
- हमेशा दूसरी ऐप या नंबर से डबल चेक करें।
- अपनों के साथ एक सीक्रेट कोड या शब्द तय कर लें जिससे आप पहचान सकें कि वो सच में वही हैं।
- अगर कोई जल्दी में पैसे या पर्सनल जानकारी मांग रहा है, तो बहुत सावधान रहें।
2. क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट स्कैम्स (online frauds kaise bache)
क्या है:
स्कैमर्स नकली वेबसाइट्स और सोशल मीडिया अकाउंट बनाते हैं जो असली क्रिप्टो कंपनियों जैसे लगते हैं। ये आपको बहुत जल्दी अमीर बनने का सपना दिखाते हैं। कुछ स्कैम तो फेक “लाइव प्रॉफिट” भी दिखाते हैं ताकि लगे कि पैसा बढ़ रहा है।
कैसे बचें:
- अगर कुछ बहुत अच्छा लग रहा है, तो शायद वो झूठ है।
- हमेशा ट्रस्टेड और लाइसेंसशुदा प्लेटफॉर्म से ही निवेश करें।
- अनजान लोगों या सेलेब की पोस्ट पर भरोसा न करें—पहले अच्छे से चेक करें।
3. फेक ई-कॉमर्स और डिलीवरी स्कैम्स (online frauds kaise bache)
क्या है:
फेक ऑनलाइन शॉप्स बनाकर सस्ते दामों में महंगे प्रोडक्ट्स बेचे जाते हैं—फोन, शूज़, ब्रांडेड चीजें। पेमेंट करने के बाद या तो कुछ नहीं मिलता या फिर घटिया नकली चीज़।
दूसरी ट्रिक होती है फेक डिलीवरी ईमेल या मैसेज जिसमें लिखा होता है “आपका पैकेज लेट है—यहाँ क्लिक करें।”
कैसे बचें:
- सिर्फ पॉपुलर और भरोसेमंद वेबसाइट्स से ही खरीदारी करें।
- वेबसाइट के लिंक में HTTPS होना ज़रूरी है।
- कोई भी डिलीवरी लिंक आया हो तो सीधा कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट या ऐप खोलकर चेक करें।
4. फिशिंग 2.0 — ज़्यादा स्मार्ट और खतरनाक (online frauds kaise bache)
क्या है:
AI का इस्तेमाल करके अब स्कैम ईमेल्स प्रोफेशनल दिखती हैं। ये ईमेल्स बैंकों, शॉपिंग साइट्स या मेल सर्विस जैसी लगती हैं। इनमें जो लिंक होते हैं वो आपको नकली वेबसाइट पर ले जाते हैं जहां आपका डेटा चोरी हो सकता है।
कैसे बचें:
- ईमेल भेजने वाले का एड्रेस ध्यान से चेक करें—स्पेलिंग मिस्टेक या अजीब डोमेन देखिए।
- किसी भी लिंक पर क्लिक करके लॉग-इन न करें—सीधा ब्राउज़र में साइट टाइप करके जाएं।
- हर अकाउंट में मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) चालू रखें।
5. टैक्स और सरकारी स्कैम्स (online frauds kaise bache)
क्या है:
स्कैमर्स खुद को इनकम टैक्स या सरकारी अफसर बताकर आपको डराते हैं कि आपने टैक्स नहीं दिया और आपको तुरंत पैसे देने होंगे, नहीं तो फाइन या जेल।
कुछ स्कैम अब डीपफेक वीडियो कॉल्स का इस्तेमाल भी कर रहे हैं।
कैसे बचें:
- असली सरकारी एजेंसी कभी भी फोन, ईमेल या गिफ्ट कार्ड से पेमेंट नहीं मांगती।
- किसी भी ऐसे कॉल या ईमेल से घबराएं नहीं—खुद ऑफिशियल नंबर पर कॉल करके चेक करें।
6. जॉब और रिमोट वर्क स्कैम्स (online frauds kaise bache)
क्या है:
स्कैमर्स फेक जॉब पोस्ट करते हैं—अक्सर वर्क फ्रॉम होम या फ्रीलांस टाइप। वो आपसे “ट्रेनिंग फीस”, डॉक्युमेंट्स या क्रिप्टो पेमेंट मांगते हैं और फिर गायब हो जाते हैं।
कैसे बचें:
- कोई भी कंपनी आपको हायर करने के लिए पैसा नहीं मांगेगी।
- जॉब कंपनी की वेबसाइट पर लिस्टेड है या नहीं चेक करें।
- LinkedIn पर रिक्रूटर को चेक करें।
- अगर सैलरी बहुत ज़्यादा और काम बहुत आसान लग रहा है—तो सतर्क रहें।
7. टेक सपोर्ट स्कैम्स (online frauds kaise bache)
क्या है:
आपको पॉप-अप दिखता है कि आपके कंप्यूटर में वायरस है और तुरंत “Microsoft” या “Apple” को कॉल करें। लेकिन ये स्कैम है। ये लोग आपके सिस्टम का एक्सेस लेकर डेटा और पैसा चुराते हैं।
कैसे बचें:
- Microsoft, Apple जैसी कंपनियां कभी भी इस तरह पॉप-अप से कॉन्टैक्ट नहीं करतीं।
- किसी को भी कंप्यूटर का कंट्रोल न दें जब तक आप 100% श्योर न हों।
- भरोसेमंद एंटीवायरस और ब्राउज़र सेफ्टी यूज़ करें।
8. सोशल मीडिया गिवअवे और इन्फ्लुएंसर स्कैम्स (online frauds kaise bache)
क्या है:
स्कैमर्स नकली या हैक किए गए इन्फ्लुएंसर अकाउंट्स से फेक गिवअवे पोस्ट करते हैं। वो आपसे आपकी पर्सनल जानकारी या “शिपिंग फीस” मांगते हैं।
कैसे बचें:
- सिर्फ वेरिफाइड अकाउंट्स (ब्लू टिक) से ही गिवअवे में हिस्सा लें।
- अपना एड्रेस, फोन नंबर या कार्ड डिटेल्स किसी को न दें।
- कोई भी संदिग्ध पोस्ट दिखे तो तुरंत रिपोर्ट करें।
9. फ्री ट्रायल और सब्सक्रिप्शन ट्रैप्स (online frauds kaise bache)
क्या है:
आप कोई ऐप या सर्विस का “फ्री ट्रायल” लेते हैं—AI टूल, फिटनेस ऐप या फोटो एडिटर। लेकिन 2–3 दिन बाद ट्रायल खुद-ब-खुद पेड सब्सक्रिप्शन में बदल जाता है और पैसा कटने लगता है।
कैसे बचें:
- ट्रायल लेने के बाद रिमाइंडर सेट करें कि कब कैंसिल करना है।
- टर्म्स एंड कंडीशन्स को ध्यान से पढ़ें—खासकर पेमेंट वाला हिस्सा।
- वर्चुअल कार्ड या एक-बार-यूज़ कार्ड का इस्तेमाल करें।

2025 में ऑनलाइन सेफ रहने के लिए आसान लेकिन ज़रूरी टिप्स (डिटेल में) (online frauds kaise bache)
इंटरनेट का इस्तेमाल करना जितना आसान हो गया है, उतना ही ज़्यादा खतरनाक भी। लेकिन अगर आप कुछ स्मार्ट आदतें अपना लें, तो आप अपने डेटा, पैसे और पहचान को स्कैमर्स से बचा सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे:
1. हर ज़रूरी अकाउंट में MFA (Multi-Factor Authentication) चालू करें (online frauds kaise bache)
MFA का मतलब होता है कि जब आप किसी अकाउंट में लॉग-इन करते हैं, तो पासवर्ड के अलावा एक और स्टेप आता है—जैसे आपके फोन पर कोड आना या फिंगरप्रिंट से कन्फर्म करना।
क्यों ज़रूरी है:
अगर किसी स्कैमर को आपका पासवर्ड मिल भी गया, तब भी वो बिना उस कोड के आपके अकाउंट में नहीं घुस सकता।
कहाँ ऑन करें:
अपना बैंक अकाउंट, जीमेल, फेसबुक, इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप, पेटीएम जैसे अकाउंट्स में जाकर “सिक्योरिटी” सेटिंग्स में MFA ऑप्शन ऑन करें।
2. बैंक और कार्ड ट्रांजैक्शन अलर्ट्स ऑन रखें (online frauds kaise bache)
क्या करें:
अपने बैंक और क्रेडिट कार्ड में मोबाइल या ईमेल अलर्ट चालू रखें, जिससे हर बार जब पैसा निकलता है या ट्रांजैक्शन होता है, आपको तुरंत मैसेज मिल जाए।
फायदा:
अगर कोई अनजान ट्रांजैक्शन हो गया, तो आप उसे तुरंत पकड़ सकते हैं और बैंक को सूचित करके उसे रोक सकते हैं।
3. पासवर्ड समय-समय पर बदलें + पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल करें (online frauds kaise bache)
गलती जो लोग करते हैं:
लोग एक ही पासवर्ड हर वेबसाइट पर इस्तेमाल करते हैं—और सालों तक नहीं बदलते। ये बहुत खतरनाक है।
क्या करें:
- हर अकाउंट के लिए अलग पासवर्ड रखें।
- पासवर्ड में अक्षर (A-Z), नंबर (0-9), और स्पेशल कैरेक्टर (!@#) ज़रूर डालें।
- हर 3–4 महीने में पासवर्ड बदलते रहें।
पासवर्ड याद रखने की टेंशन?
कोई बात नहीं—पासवर्ड मैनेजर जैसे Bitwarden, 1Password या Google Password Manager इस्तेमाल करें। ये आपके सारे पासवर्ड को सेफ और याद रखता है।
4. किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले URL को ध्यान से चेक करें (online frauds kaise bache)
कैसे करें:
ईमेल, मैसेज या वेबसाइट पर जब कोई लिंक दिखे, तो सीधे क्लिक न करें। पहले उस पर माउस ले जाकर होवर करें (मोबाइल पर लिंक को दबाकर रखें) और देखें कि वो किस साइट पर ले जा रहा है।
क्या देखें:
- असली वेबसाइट का नाम हो—जैसे www.icicibank.com न कि www.icicibannk.xyz
- .com की जगह .net, .site, .info जैसे डोमेन से भी सावधान रहें।
फिशिंग स्कैम यहीं से शुरू होता है। सतर्क रहें।
5. अपने परिवार और दोस्तों को जागरूक करें—खासकर बुज़ुर्गों को (online frauds kaise bache)
क्यों ज़रूरी है:
अक्सर हमारे मम्मी-पापा या दादा-दादी जैसे लोग टेक्नोलॉजी से उतने अपडेट नहीं होते। स्कैमर्स इन्हीं लोगों को सबसे आसान टारगेट मानते हैं।
क्या करें:
- उन्हें समझाएं कि किसी भी अनजान कॉल, ईमेल या मैसेज पर भरोसा न करें।
- उन्हें दिखाएं कि कैसे वेबसाइट चेक करते हैं, लिंक पहचानते हैं, और पासवर्ड बदलते हैं।
- अगर वो कोई शक़ वाला मैसेज दिखाएं, तो उन्हें डांटे नहीं—शांति से उन्हें गाइड करें।
“एक क्लिक की सावधानी, हमेशा की सुरक्षा!” — अब जिम्मेदारी आपकी है (online frauds kaise bache)
2025 में ऑनलाइन स्कैम्स पहले से कहीं ज़्यादा स्मार्ट, तेज़ और खतरनाक हो गए हैं। पर डरने की ज़रूरत नहीं है—सिर्फ सतर्क रहने की ज़रूरत है। आपने अभी जो पढ़ा, वो सिर्फ जानकारी नहीं है, एक डिजिटल कवच है जो आपको, आपके परिवार और दोस्तों को इन धोखेबाज़ों से बचा सकता है।
आज इंटरनेट पर रहना वैसा ही है जैसे किसी हाईवे पर तेज़ गाड़ी चलाना—मज़ा भी है, सुविधा भी, लेकिन हेलमेट और सीट बेल्ट की तरह साइबर सेफ्टी टिप्स भी उतने ही ज़रूरी हैं। (online frauds kaise bache)
अब आपकी बारी है:
- इन स्कैम्स की जानकारी अपने दोस्तों, फैमिली ग्रुप और सोशल मीडिया पर शेयर करें।
- अपने माता-पिता और बुज़ुर्ग रिश्तेदारों को एक कप चाय के साथ ये बातें समझाएं।
- ऑफिस या वर्कप्लेस में “Cyber Safety Day” या सेशन शुरू करने का सुझाव दें।
- खुद भी एक आदत बना लें—हर हफ्ते 10 मिनट साइबर सेफ्टी के अपडेट पढ़ने की।
🛑 याद रखिए:
“स्कैमर सिर्फ एक गलती का इंतज़ार करता है।
पर एक समझदारी से उसकी प्लानिंग फेल हो सकती है।”
2025 में AI से पैसे कैसे कमाएं (अगर आप टेक एक्सपर्ट नहीं भी हैं)